बाॅक्सिंग के सितारे डिंग्को सिंह नहीं रहे, पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा-‘ स्पोर्टिंग सुपरस्टार थे‘

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 10-06-2021
बाॅक्सिंग के चमकते सितारे डिंग्को सिंह नहीं रहे, पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा-‘ स्पोर्टिंग सुपरस्टार थे‘
बाॅक्सिंग के चमकते सितारे डिंग्को सिंह नहीं रहे, पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा-‘ स्पोर्टिंग सुपरस्टार थे‘

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

पूर्व मुक्केबाज एवं एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता डिंग्को सिंह का निधन हो गया. उनकी मृत्यु पर   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है. कहा कि उनके योगदान ने मुक्केबाजी की लोकप्रियता में सहायता की.

डिंग्को सिंह का 42 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को निधन हो गया.डिंग्को ने 1998के बैंकॉक एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था. इसे भारत का अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन माना जाता है.

प्रधानमंत्री ने डिंग्को को ‘‘उत्कृष्ट मुक्केबाज‘‘ कहा. उन्होंने कहा कि श्री सिंह ने अपने खेल करियर के दौरान कई प्रशंसा अर्जित की.प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ डिंग्को सिंह एक खेल सुपरस्टार, एक उत्कृष्ट मुक्केबाज थे, जिन्होंने कई पुरस्कार अर्जित किए. मुक्केबाजी की लोकप्रियता को आगे बढ़ाने में योगदान दिया. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना. ओम शांति.‘‘

भारतीय खेल प्राधिकरण ने भी पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार विजेता मुक्केबाज के निधन पर शोक व्यक्त किया.साइ मीडिया ने ट्वीट किया, ‘‘पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार विजेता मुक्केबाज डिंग्को सिंह के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. 1998के एशियाई खेलों में उनका स्वर्ण पदक भारतीय खेल इतिहास में एक शानदार क्षण है. हम उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं.‘‘

छह बार की विश्व चैंपियन मैरी कॉम ने कहा कि डिंग्को भले ही चले गए हों, उनकी विरासत हमेशा हमारे बीच रहेगी. मैरी कॉम ने ट्वीट किया, ‘‘आप हमारे देश के सच्चे नायक थे. आप चले गए लेकिन आपकी विरासत हमारे बीच रहेगी. आरआईपी.‘‘इससे पहले, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री किरेन रिजिजू और बॉक्सिंग सुपरस्टार विजेंदर सिंह ने डिंग्को सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया.डिंग्को सिंह मई 2020 में कोरोनावायरस के शिकार हो गए थे. लेकिन जल्द ठीक हो गए थे. पिछले साल अप्रैल में डिंग्को को उनके लीवर कैंसर के इलाज के लिए इम्फाल से राष्ट्रीय राजधानी ले जाया गया था.