बिहार के स्कूली बच्चे पहनेंगे भागलपुर के बुनकरों की बुनी पोशाक

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 30-01-2021
भागलपुर, बिहार के बुनकरों को मिलेगा नया उत्साह (फोटोः एएनआइ)
भागलपुर, बिहार के बुनकरों को मिलेगा नया उत्साह (फोटोः एएनआइ)

 

बहुत लंबे समय से भागलपुर के बुनकर अपने लिए प्रोत्साहन की मांग कर रहे थे और ऐसा लग रहा है कि अब उनकी आजीविका को थोड़ा सहारा मिल जाएगा. 

बिहार सरकार ने जहां जीविका (महिला समूह) को सरकारी स्कूलों के बच्चों को मुख्यमंत्री पोशाक योजना के तहत दिए जाने वाले पोशाक को तैयार करने की मंजूरी दे दी है, वहीं भागलपुर के बुनकर इसके लिए कपड़े तैयार करेंगे. हालांकि अभी कपड़ो की मंजूरी नहीं मिली है. भागलपुर जिला उद्योग केंद्र ने खादी कपड़ों का नमूना रेशम वस्त्र निदेशक को सौंप दिया है.

भागलपुर जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रामशरण राम के मुताबिक, भागलपुर में करीब 2,500 से ज्यादा हैंडलूम हैं जबकि 10 से 15 हजार तक पावरलूम हैं. उन्होंने कहा, "यहां हैंडलूम और पावररलूम में आवश्यकता के अनुसार कपड़ा उपलब्ध कराने की क्षमता है. भागलपुर कपड़े गुणवता के दृष्टिकोण से बेहतर हैं. कपडे के सैंपल दिए गए हैं. अगर आदेश मिलता है तो इसकी आपूर्ति तत्काल प्रारंभ कर दी जाएगी."

रामशरण राम के मुताबिक, नमूने के तौर पर पैंट-शर्ट और सलवार-कमीज के नमूने दिए गए हैं.

गौरतलब है कि राज्य के सरकारी और सरकार संपोषित स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा तक में अध्ययनरत छात्रों को अगले सत्र से उनके पोशाकों को बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) की महिला समूह तैयार करेंगी. इसमें कहा गया है कि रेडिमेड ड्रेस जीविका से खरीदने और स्थानीय स्तर खादी, पावरलूम या हैंडलूम से निर्मित कपड़े की खरीद को प्राथमिकता दिया जाएगा.

इधर, बिहार बुनकर कल्याण समिति का कहना है कि करीब एक करोड़ छात्र-छात्राओं को दो-दो पोशाक देनी है. छात्राओं को लिए औसतन नौ मीटर और छात्रों के साढे छह से सात मीटर कपडे लगेंगे. समिति का कहना है कि अगर कपड़े तैयार करने का आदेश भागलपुर के बुनकरों को मिलता है तो बुनकरों को न केवल बाजार उपलब्ध हो जाएगा, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा.

इस कदम से, भागलपुर के मुस्लिम तबके को खास फायदा पहुंचेगा क्योंकि इन बुनकरों में अधिकांश लोग इसी समुदाय के हैं.