मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली
बिहार में एनडीए के घटक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अगुआ जीतन राम मांझी बगावती तेवर के साथ सामने आ गए हैं. पिछले कुछ दिनों से बिहार एनडीए में बयानबाजियों का दौर चल ही रहा था कि बांका के मदरसे में हुए विस्फोट के बाद मामला और अधिक गरम हो गया. गुरुवार के मांझी ने ट्वीट के जरिए अपना सेकुलर रुख दिखाने की कोशिश की और भाजपा को नसीहत दी, तो भाजपा ने भी जोरदार पलटवार किया.
असल में गुरुवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके बिना भाजपा का नाम लिए ही तंज किया,"गरीब दलित जब आगे बढ़े तो नक्सली, गरीब मुसलमान जब मदरसे में पढ़े तो आतंकी. भाई साहब, ऐसी मानसिकता से बाहर निकलिए. यह राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए ठीक नहीं. हम बांका बम विस्फोट की घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हैं."
हाल के सियासी घटनाक्रम से इतना तो साफ है कि मांझी ने ट्वीट में भले ही भाजपा का नाम न लिखा हो, लेकिन उनका इशारा भाजपा की ओर ही है. इधर, भाजपा ने भी पलटवार करने में देर नहीं की और मांझी को आईना देखते हुए कहा कि आतंकवाद को कोई धर्म नहीं होता.
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा, ''हम तो अभी तक जान रहे थे कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता और नक्सली की कोई जाति नहीं होती. आतंकी, आतंकी होता है और नक्सली, नक्सली है. लेकिन कुछ 'विशेषज्ञों' ने तो इनका जात-धर्म सब खोज निकाला. ये देश की अखंडता बचाने के लिए इन दुर्दान्तों के अपराधों पर आंखे मूंदने की सलाह भी दे रहे हैं.''
उन्होंने इशारों ही इशारों में बिना किसी के नाम लिए कहा, "सही को सही और गलत को गलत कहने की हिम्मत रखिए. जनता ने कश्मीर को भी देखा है और अभी बंगाल से नूरपुर तक का तमाशा भी देख रही है. आतंकी या नक्सली किसी के सगे नहीं होते, यह 'भस्मासुर' पालने वालों को भी नहीं छोड़ते. हिंदुस्तान के मर्म को न समझने वाले पाकिस्तान का उदाहरण देख सकते हैं."
उल्लेखनीय है कि बांका में एक मदरसा में बम विस्फोट के बाद राज्य की सियासत गर्म है. मांझी की पार्टी हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने तो बुधवार को भाजपा नेताओं पर सरकार के अस्थिर करने का आरोप तक लगा दिया था.
साथ में आइएएनएस इनपुट्स