रामपुर (उप्र). सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान पर रामपुर प्रशासन ने दो दिन पहले एक चुनावी सभा के दौरान पुलिस और चुनाव आयोग के खिलाफ ‘भड़काऊ’ शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है. रामपुर उपचुनाव के लिए एक पोल पैनल द्वारा गठित वीडियो निगरानी टीम के प्रभारी सुजेश कुमार सागर की शिकायत पर शुक्रवार शाम कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई.
एक चुनावी सभा के दौरान महिलाओं के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए खान पर मामला दर्ज किए जाने के एक दिन बाद प्राथमिकी दर्ज की गई. शिकायत में कहा गया है, ‘‘समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार असीम राजा के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री आजम खान ने एक भाषण दिया था जिसमें उन्होंने आम जनता को भड़काने के लिए पुलिस, चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ शब्दों का इस्तेमाल किया था.’’
मोहम्मद आजम खां ने अपने संबोधन में कहा कि ‘‘यहां आइए मुख्य चुनाव आयुक्त, आप यहां आइए, विधायक का सर्टिफिकेट दीजिए, हम भी मूर्खों की तरह तालियां बजाएंगे. आप अकेले बेवकूफ नहीं बना सकते, हमें भी अनुमति दें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कोई एक ही समय में शासन और मूर्ख नहीं बना सकता है. देश को इस तरह नहीं चलाया जा सकता है.’’
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि खान ने ‘सार्वजनिक बैठक में मौजूद लोगों के बीच घृणा भड़काने और नफरत पैदा करके सार्वजनिक शांति भंग करने की कोशिश की और आचार संहिता का उल्लंघन किया.’
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी गुरुवार को जनसभा में मौजूद थे और रामपुर सदर निर्वाचन क्षेत्र में 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार के लिए समर्थन जुटाने के लिए सभा को संबोधित किया.
कोतवाली पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अधिकारी किशन अवतार ने कहा कि खान पर आईपीसी की धारा 153-ए, 505 (1), और 505 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो भाषण देने या बयान प्रकाशित करने का मुकदमा चलाता है जो अलग-अलग लोगों के बीच दरार पैदा कर सकता है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (चुनाव के संबंध में वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.
एक महीने पहले रामपुर की एक अदालत ने आजम खान को 2019 के एक ‘घृणास्पद भाषण’ मामले में दोषी ठहराया था और तीन साल कैद की सजा सुनाई थी. इस मामले में प्राथमिकी 9 अप्रैल, 2019 को दर्ज की गई थी.
2019 के मामले में उनकी सजा के कारण उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप में उनकी अयोग्यता हो गई थी, जिसके कारण रामपुर सदर उपचुनाव की आवश्यकता थी. इस मामले में आजम खान फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.