ओमिक्रॉन से घबराने की जरूरत नहीं : उपराष्ट्रपति नायडू

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 05-12-2021
 उपराष्ट्रपति नायडू
उपराष्ट्रपति नायडू

 

नई दिल्ली. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को लोगों को सतर्क रहने और कोविड के उचित व्यवहार का पालन करने की सलाह देते हुए कहा कि कोविड-19 के नए स्वरूप के उभरने से घबराने की जरूरत नहीं है.

उन्होंने लोगों से संकोच छोड़ने और जल्द से जल्द टीका लगवाने का भी आग्रह किया.उपराष्ट्रपति निवास में शनिवार को गौतम चिंतामणि की पुस्तक 'द मिडवे बैटल : मोदीज रोलर-कोस्टर सेकेंड टर्म' का विमोचन करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी पूरी मानव जाति के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर आई है.

उन्होंने भारत में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की सराहना की. नायडू ने कहा कि समकालीन इतिहास लिखना कोई आसान काम नहीं है.

पिछले सात वर्षो के शासन में लाए गए परिवर्तनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ये परिवर्तन 1.3 अरब लोगों को उनकी क्षमता को पूरा करने के लिए सशक्त और सक्षम दोनों हैं.

उन्होंने कहा, "चाहे वह जीवन प्रत्याशा हो, वित्तीय समावेशन हो, स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच हो, रोजगार हो, घर हो या उद्यमशीलता की क्षमता का सम्मान हो, भारतीय जीवन की गुणवत्ता हो, हर गुजरते दिन के साथ बेहतर होती जा रही है."

उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री के तीन शब्द मंत्र - 'सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन' का हवाला देते हुए वित्तीय समावेशन, बीमा कवरेज, गरीबों के लिए एलपीजी कनेक्शन की संख्या जैसे विभिन्न क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षो में राष्ट्र द्वारा की गई जबरदस्त प्रगति की प्रशंसा की.

उन्होंने कहा कि 'न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन' के सिद्धांत का पालन करते हुए सरकार हर क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए प्रौद्योगिकियों का लाभ उठा रही है.

उन्होंने भारत के दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र बनने पर संतोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा, "यह देश में कारोबारी माहौल में सुधार के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है कि विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स 2020 में भारत की रैंकिंग 63वें स्थान पर पहुंच गई है."

यह जिक्र करते हुए कि अभी भी कई चुनौतियां हैं, उपराष्ट्रपति ने कहा, "आजादी के बाद से भारत ने कई बाधाओं का सामना किया है, लेकिन हमने उन्हें सफलतापूर्वक पार कर लिया है."

"हमें प्रगति और मानवता के पथ से कोई नहीं रोक सकता. इसलिए भारत की सफलता विश्व की सफलता है." भारत को एक बार फिर 'विश्वगुरु' बनाने का आह्वान करते हुए उन्होंने सभी हितधारकों से एक साथ आने और आत्मनिर्भर, समृद्ध, खुशहाल और मजबूत भारत बनाने के इस महायज्ञ में शामिल होने का आग्रह किया.