कश्मीर में हुए हमले पर नवाजुद्दीन ने क्या कहा ?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 30-04-2025
What did Nawazuddin say on the attack in Kashmir?
What did Nawazuddin say on the attack in Kashmir?

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले को लेकर बॉलीवुड से लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. इस हमले ने न केवल देश को दहला दिया, बल्कि कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर भी गहरा प्रभाव डाला है. पीक सीज़न के बावजूद होटल खाली हो रहे हैं और पर्यटकों की आमद अचानक रुक गई है.

बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने इस दुखद समय में पूरे देश से एकजुटता की अपील की है. उन्होंने आतंकियों द्वारा निर्दोष पर्यटकों की हत्या को ‘शर्मनाक’ करार देते हुए धार्मिक विभाजन की राजनीति पर नाराज़गी जताई.

नवाज ने कहा:“यह बहुत ही शर्मनाक और अमानवीय घटना है. इसकी निंदा के लिए कोई भी भाषा पर्याप्त नहीं है। क्रोध है, पीड़ा है. मैं जानता हूं कि सरकार अपना काम कर रही है और एक दिन न्याय ज़रूर होगा। लेकिन जो हुआ, वह इतना दर्दनाक है कि उसे भुला पाना नामुमकिन है. हत्यारों को शाप दो.”

कश्मीरियों के प्रति सहानुभूति जताई

नवाजुद्दीन ने यह भी कहा कि केवल देश ही नहीं, बल्कि कश्मीर के आम लोग भी इस हमले से उतने ही आहत हैं. उन्होंने कहा, “कश्मीरियों के गुस्से की एक बड़ी वजह यह है कि हमला उनके मेहमानों, यानी पर्यटकों पर हुआ है. वे बेहद मेहमाननवाज़ होते हैं। उनके लिए अतिथि सत्कार सिर्फ़ परंपरा नहीं, बल्कि मान-सम्मान का विषय है.”

पर्यटन पर असर और भावनात्मक जुड़ाव

उन्होंने आगे कहा, “मैंने उनकी आंखों में सच्चा प्यार देखा है.सिर्फ़ मैंने ही नहीं, कश्मीर घूमने आए हर इंसान ने वहां की आवाम की प्रशंसा की है. अब जब यह हमला हुआ है, तो वहां के टूरिज़्म सेक्टर से जुड़े हर व्यक्ति के दिल में एक ही सवाल है – ‘हमारे घर में, हमारी ज़मीन पर ऐसा कैसे हो गया?’”

पृष्ठभूमि में चल रहा संघर्ष

गौरतलब है कि भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर में 1989 से विद्रोह और संघर्ष की स्थिति बनी हुई है. कई कश्मीरी मुसलमान इस क्षेत्र को या तो पाकिस्तान में मिलाना चाहते हैं या इसे एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं.

भारत इस आंदोलन को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद मानता है, जबकि पाकिस्तान इसे एक वैध स्वतंत्रता संग्राम बताता है.इस लंबे संघर्ष में अब तक हजारों नागरिक, सुरक्षा बल और विद्रोही मारे जा चुके हैं.