60 करोड़ की ठगी: कुंद्रा ने कहा—पैसे अभिनेत्रियों और निर्माताओं को फीस के रूप में दिए

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 18-09-2025
Rs. 60 crore fraud: Kundra said—the money was given to actresses and producers as their fees
Rs. 60 crore fraud: Kundra said—the money was given to actresses and producers as their fees

 

मुंबई

| 60 करोड़ रुपये की ठगी मामले की जांच झेल रहे व्यवसायी राज कुंद्रा ने पुलिस को दिए बयान में दावा किया है कि इस रकम का एक हिस्सा बॉलीवुड अभिनेत्रियों बिपाशा बसु और नेहा धूपिया तथा निर्माता एकता कपूर को प्रोफेशनल फीस के रूप में दिया गया था। यह जानकारी एक अधिकारी ने गुरुवार को दी।

50 वर्षीय कुंद्रा ने यह बयान इस हफ्ते मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के समक्ष दर्ज कराया।EOW फिलहाल 60 करोड़ रुपये की ठगी मामले की जांच कर रही है, जिसमें कुंद्रा और उनकी पत्नी व अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी सहित कई अन्य आरोपी हैं। यह मामला बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है, जो एक होम शॉपिंग और ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म था। कुंद्रा और शेट्टी इसके निदेशक थे।

15 सितंबर को कुंद्रा से मामले में पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान कुंद्रा ने कहा कि इस रकम का कुछ हिस्सा बिपाशा बसु, नेहा धूपिया और एकता कपूर को उस प्लेटफॉर्म पर पेश होने के लिए फीस के रूप में दिया गया था।

हालांकि, अधिकारी ने बताया कि EOW इनमें से किसी को भी (अभिनेत्रियों और निर्माता) को फिलहाल तलब करने की योजना नहीं बना रही है।जांच के हिस्से के रूप में EOW कुंद्रा के कई बैंक लेन-देन की भी पड़ताल कर रही है।

यह मामला व्यवसायी दीपक कोठारी (60) की शिकायत पर दर्ज हुआ था। कोठारी लोटस कैपिटल फाइनेंस सर्विसेज नामक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के निदेशक हैं। उनका आरोप है कि कुंद्रा-शेट्टी दंपति और अन्य ने उन्हें बेस्ट डील टीवी प्रा. लि. से जुड़े एक लोन-कम-इन्वेस्टमेंट डील में 60.4 करोड़ रुपये का चूना लगाया।

अब तक EOW ने कुंद्रा का बयान दर्ज कर लिया है और अगले सप्ताह उन्हें दोबारा तलब किए जाने की संभावना है क्योंकि कई गवाहों के बयान की पुष्टि अभी बाकी है।

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में पुलिस ने कुंद्रा और शेट्टी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया था।LOC एक नोटिस होता है, जिसे किसी व्यक्ति को देश छोड़ने से रोकने या उसकी आवाजाही पर नज़र रखने के लिए जारी किया जाता है। इससे इमिग्रेशन और बॉर्डर अधिकारी सतर्क रहते हैं।