आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
बॉलीवुड अभिनेत्री सोहा अली खान ने हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान अपने माता-पिता के जीवन संघर्षों पर भावुक होकर बात की. उन्होंने बताया कि उनके पिता, मंसूर अली खान पटौदी, भारतीय क्रिकेट के दिग्गज थे, लेकिन उन्होंने उस दौर में क्रिकेट खेला जब न तो आईपीएल जैसा कोई टूर्नामेंट था और न ही क्रिकेट से कमाई के बड़े अवसर.
सोहा ने कहा,
"मेरे पिता एक स्टार क्रिकेटर थे, लेकिन 1960 के दशक में क्रिकेट से पैसे नहीं मिलते थे. उन्होंने क्रिकेट सिर्फ जुनून के लिए खेला, न कि पैसे के लिए. उस समय विज्ञापन से भी कमाई का कोई अवसर नहीं था."
सोहा ने आगे बताया कि जब उनके पिता ने क्रिकेट खेलना शुरू किया, तब ब्रांड एंडोर्समेंट और प्रायोजन जैसी चीज़ें आम नहीं थीं. ऐसे में पूरे घर की आर्थिक जिम्मेदारी उनकी मां और प्रसिद्ध अभिनेत्री शर्मिला टैगोर पर आ गई थी.
सोहा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि,
"मेरे माता-पिता की शादी तब हुई थी जब वे सिर्फ 24 साल के थे. शादी के दो साल के भीतर मेरी मां मां बनीं। उस दौर में एक महिला के लिए एक्टिंग करियर और परिवार दोनों संभालना आसान नहीं था."
उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद उनकी मां ने फिल्में करना नहीं छोड़ा, क्योंकि परिवार चलाने के लिए उन्हें काम करना ज़रूरी था। सोहा ने अपनी मां को "स्ट्रॉन्गेस्ट रोल मॉडल" बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन के निर्णय मां को देखकर लिए.
सोहा ने इस बातचीत में एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा:
"जब मैं पैदा हुई, तब पापा क्रिकेट से रिटायर हो चुके थे. उस समय हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। कई बार हालात ऐसे रहे कि हमारे पास सीमित साधन थे, लेकिन मेरे पापा ने कभी शिकायत नहीं की.."
उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता हमेशा उन्हें और उनकी मां को प्रोत्साहित करते थे कि
"जो दिल कहे, वही करो."
सोहा अली खान अपनी आगामी फिल्म ‘छोरी 2’ के प्रमोशन के सिलसिले में मीडिया से बातचीत कर रही थीं, जहां एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि उनका रियल लाइफ रोल मॉडल कौन है। इस सवाल के जवाब में उन्होंने यह पूरा अनुभव साझा किया.