नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया केन्द्रीय विश्वविद्यालय में 27 नवंबर 2025 को ‘संस्कृते रसायनशास्त्रम्’ विषय पर एक विशिष्ट व्याख्यान-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को संस्कृत साहित्य में निहित विविध विद्याओं—रसायनशास्त्र, गणित, विधिशास्त्र, भौतिकी, भूगोल, राजनीति, अर्थशास्त्र आदि—से परिचित कराना तथा इन क्षेत्रों में शोध एवं अध्ययन के लिए प्रेरित करना था।
संगोष्ठी का आयोजन मीर-तकी-मीर भवन स्थित मीर अनीस सभागार में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण और अतिथियों तथा विभागीय शिक्षकों द्वारा सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्वलन के साथ सम्पन्न हुई।
मुख्य संरक्षक के रूप में कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ़, संरक्षक के रूप में प्रो. मो. महताब आलम रिज़वी, विशिष्ट अतिथि प्रो. इक्तिदार मो. खान तथा मुख्य वक्ता प्रो. रामसागर मिश्र (भौतिक विज्ञान संस्थान, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) उपस्थित रहे। सभी अतिथियों का स्वागत स्मृति-चिह्न, अंगवस्त्र और पौधा भेंट कर किया गया।
मुख्य वक्ता प्रो. रामसागर मिश्र ने अपने व्याख्यान में संस्कृत ग्रंथों में वर्णित रसायनशास्त्र की अवधारणाओं को विस्तार से समझाया। उन्होंने रसशाला, रसविधा, औषधि-विज्ञान आदि विषयों को उदाहरण सहित प्रस्तुत करते हुए संस्कृत के वैज्ञानिक पक्ष को उजागर किया।
यह कार्यक्रम जामिया मिल्लिया इस्लामिया के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. जयप्रकाश नारायण के मार्गदर्शन में तथा सह-आचार्य डॉ. धनंजय मणि त्रिपाठी के कुशल संचालन में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का समापन कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ़ के अध्यक्षीय संबोधन और सहायक आचार्या श्रीमती जहाँ आरा के धन्यवाद ज्ञापन के बाद राष्ट्रगान के साथ हुआ।