आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
कोंकणक्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 40 से अधिक मुस्लिम संगठन आगे आए हैं. उनकी मदद कैसे की जाए ? इसपर संयुक्त बैठक कर रणनीति बनाई गई. महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में तबाही को देखते हुए सभी संगठनों ने सामूहिक तौर पर काम करने का निर्णय लिया.
कोंकणक्षेत्र में बाढ़ से हुई तबाही के मद्देनजर आज मुंबई के हज हाउस में 40से अधिक गैर सरकारी संगठनों के पदाधिकारों ने ऑनलाइन बैठक में भाग लिया. इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि कोंकणसंकट से हुई तबाही को देखते हुए क्षेत्र की स्थिति कैसे सुधारी जाए ?
इस मौके पर मुंबई की जामिया मस्जिद के दारुल इफ्ता के मुफ्ती अशफाक काजी ने कहा कि कोंकणमें विभिन्न दल और संगठन अपने-अपने तरीके से बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं.
हमारा लक्ष्य इन संगठनों के के साथ मिलकर महाराष्ट्र के मुंबई सहित पूरे क्षेत्र में बाढ़ संभावित क्षेत्रों में एक साथ काम करना. सभी संगठनों को एक मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है ताकि मिशन को आंदोलन का रूप दिया जा सके.
जूम की मदद से बैठक को ऑनलाइन रखा गया. इससे दूर-दराज के क्षेत्रों के संगठन बैठक में शामिल हुए. मुफ्ती अशफाक काजी ने कहा कि सभी के सहयोग से ही कोंकणमें बाढ़ से हुई तबाही से निपटा जा सकता है. बाढ़ ने लोगों को आर्थिक रूप से बहुत नुकसान पहुंचाया है.
क्षेत्र में पुनर्वास के साथ जन-जीवन को बेहतर बनाना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं. हर उस व्यक्ति की भी जिम्मेदारी है जो इस अच्छे काम में भाग लेने के लिए कठिन और महत्वपूर्ण परिस्थितियों की नाजुकता को समझता है.