बिहार में छठ: सौहार्द बनाने सड़कों पर उतरी मुस्लिम महिलाएं

Story by  सेराज अनवर | Published by  [email protected] | Date 09-11-2021
बिहार में छठ
बिहार में छठ

 

सेराज अनवर/ पटना
 
पूरा बिहार इस वक्त छठमय है.हिंदू-मुसलमान सभी इस पवित्र पर्व को मनाने में जुटे हैं. खास कर मुस्लिम महिलाओं उत्साहित दिख रही हंै. नहाय -खाय के साथ बिहार में लोक आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व आरम्भ हो चुका है.
 
आज खरना है. बुधवार को शाम का पहला अर्घ है.गुरुवार को उगते सूरज को अर्घ के साथ छठ संपन्न होगा. छठ राज्य का सबसे बड़ा पर्व है. इससे मुसलमानों की आस्था भी जुड़ी है.कई मुस्लिम महिलाएं चूल्हे बना रहीं तो कुछ घाटों की साफ-सफाई में व्यस्त हैं.
 
छठ सामग्री वितरण में भी मुस्लिम महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं.कह सकते हैं कि भारत की साझी विरासत की यह बेहतरीन तस्वीर है.
 
मुस्लिम महिलाएं करती हैं घाटों की सफाई

पटना सिटी में मुस्लिम महिलाएं पिछले बीस वर्षों से छठ घाटों की सफाई करती आ रही हैं. पर्दानशीं,पढ़ी-लिखी औरतें जब अपने घरों से हाथ में झाड़ू,कुदाल लेकर सफाई के लिए निकलती हैं तो सामाजिक सौहार्द का बेमिसाल नजारा देखने को मिलता है.
 
मुस्लिम महिलाओं ने इस वर्ष भी पटना सिटी के विभिन्न घाटों एवं पहुंच पथों पर सफाई अभियान चलाया.छठवर्तियों एवं श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर पटना नगर निगम की पूर्व पार्षद डॉ. मुमताज जहां के नेतृत्व में  झाडू, टोकरी, कुदाल, बेलचा के साथ मुस्लिम महिलाओं ने दुलीघाट से सफाई अभ्यान आरंभ किया तो नौजारघाट,सीढ़ी घाट,कॉलोनी घाट, आदर्श घाट,मितानघाट पर पर जा कर ख़त्म किया.
 
 घाटों पर इलाकेे की छठव्रती अर्घ देती हैं.इस सफाई अभियान में लगभग सौ महिलाओं ने भाग लिया.जिसमें मुन्नी खातून,रुखसाना खातून,रूबी खातून,इशरत बानो,शकीला बनो,हमीदा बेगम ,नाजनीन, इफत, तरन्नुम का नाम उल्लेखनीय है.
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मुमताज जहां ने रखी थी नींव

छठ पर सामाजिक सौहार्द की बुनियाद मुमताज जहां ने रखी थी. इनका संबंध गया के मारूफगंज मुहल्ला से है.पटना सिटी उनका ससुराल है.2001 में जब पहली बार वह पटना नगर निगम की पार्षद निर्वाचित र्हुइं तो उन्हांेने छठ पर्व पर अपने वार्ड संख्या 59 में सफाई अभियान का आगाज किया.
 
खुद हाथ में झाड़ू और कुदाल लेकर निकलीं.इस काम में उनके पति मोहम्मद जावेद ने भरपुर साथ दिया.मुमताज कहती हैं कि शुरू में मुस्लिम महिलाओं का सहयोग उतना नहीं मिला.अब बड़ी संख्या में महिलाएं बाहर निकल इस मुहिम में जुट रही हैं.
 
डॉ. मुमताज जहां का  कहना है  कि पिछले बीस वर्षों से छठ के अवसर पर चलाया जा रहा  सफाई अभियान गंगा-जमनी तहजीब और हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतिक है. हम सभी मुस्लिम महिलाओं का उद्देश्य सफाई के साथ धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना और साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाए रखना है.
 
हमारी यह मुहीम उनलोगों केलिए भी करारा जवाब है जो धर्म के नाम पर समाज में नफरत घोलना चाहते हैं.मुमताज जहां इस इलाका से लगातार तीन बार पार्षद रही हैं.उनके पति मोहम्मद जावेद आवाज द वायस से कहते हैं कि यह एक अनोखा कार्यक्रम है.
 
इससे नफरत की दीवार खड़ी करने वाले लोग पीछे हट गए.जब तक हम दूसरे की आस्था का सम्मान नहीं करेंगे,हमारे मजहबी जज्बात का ख्याल कोई क्यों रखेगा.छठ का संदेश यही है.
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मुस्लिम औरतों ने बांटी छठ सामग्री

छठ करने वाली महिलाओं को छठ सामग्री वितरण की परम्परा पुरानी है.अब इसमें मुस्लिम महिलाएं भी हिस्सा ले रही हैं.पटना के एनआईटी के पास शोषित महिला मोर्चा की ओर से छठ सामग्री का वितरण किया गया.
 
इसका नेतृत्व शगुफ्ता परवीन कर रही थीं. वो मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष हैं.उनके साथ यासमीन खातून,गिन्नी खातून,रुही खातून आदि भी सक्रीय दिखीं.अंतिम अर्घ के दिन सुबह में मुस्लिम महिलाओं की ओर से छठव्रतियों केलिए चाय-बिस्कुट की व्यवस्था की गई है.
 
शगुफ्ता परवीन मशहूर हकीम इतवारी की बहु हैं और इनका संबंध भी गया से है.इतवारी फैमिली अब पटना में बस गई है.शगुफ्ता ने महिलाओं के अधिकार के लिए दो साल पूर्व मोर्चा का गठन किया है.
 
सामाजिक स्तर पर शगुफ्ता काफी एक्टिव हैं.वह कहती हैं कि छठ आस्था का पर्व है.हमारे प्रयास से हिंदू-मुस्लिम एकता मजबूत होती है तो बुराई क्या है?हमें मिलजुल कर पर्व-त्योहार मनाना चाहिए. साथ ही सुख,शांति,खुशहाली,सौहार्द की कामना करना चाहिए.
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चूल्हे भी बना रहीं मुस्लिम महिला

पटना में छठ का प्रसाद  बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हे मुस्लिम महिलाएं बना रहीं हैं. इस दौरान वे छठ की शुद्धता और नियमों का पालन पूरा ध्‍यान से रख रहीं हैं.छठ का प्रसाद बनाने को लेकर मिट्टी के चूल्हे बनाने का काम महीनों पहले से आरंभ हो जाता है.
 
मुस्लिम महिलाएं छठ के प्रति आस्था रख चूल्हे का निर्माण करने में जुट जाती हैं.सौहार्द के चूल्हे पर राज्य में आस्था का प्रसाद बन रहा है.छठ व्रती जिस कच्चे चूल्हे पर महापर्व छठ का प्रसाद बनाती हैं इसका निर्माण वर्षों से मुस्लिम महिलाएं करती आ रही हैं.
 
वीरचंद पटेल पथ पर मिट्टी के चूल्हे बनाने में व्यस्त मुस्तकीमा खातून बताती हैं कि छठी मइया को लेकर बीते कई वर्षों से मिट्टी के चूल्हे बनाती रही हैं. इसे बनाने को लेकर काफी शुद्धता और नियमों का पालन करती हैं.चूल्हे बनाने के दौरान लगभग एक महीने तक शुद्धता का ध्यान रखते हैं. चूल्हे बनकर तैयार होने तक मांस-मछली का सेवन नहीं करतीं.नहा-धोकर चूल्हे को तैयार करती हैं.
 
राजधानी पटना के वीरचंद पटेल पथ पर कई महिलाएं इस पुनीत कार्य में लगी रहती हैं. चूल्हे बनाने के लिए चिकनी मिट्टी बाहर से मंगाया जाता है. सुबह से लेकर शाम तक एक दिन में 12-15 चूल्हे तैयार होते हैं.
 
चूल्हे तैयार होने के बाद इसे सावधानी से धूप में सुखाया जाता है.बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण चूल्हे का निर्माण कम हुआ था.इस बार उम्मीद है कि चूल्हे की बिक्री ठीक होगी.बिहार में दो साल के बाद छठ की रौनक लौटी है.