राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-न्यूयार्क
यूक्रेन में संघर्ष के चलते कच्चे तेल की कीमतें आज 14 साल के उच्चतम स्तर पर दर्ज की हैं. अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड ऑयल की ताजा कीमतें 112 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई हैं.
कच्चे तेल की इतनी ज्यादा कीमतें 2008 में दर्ज की गई थीं, जब कच्चे तेल का अमेरिकी स्टॉक कम हो गया था.
दुनिया का दूसरा सबसे बड़े तेल उत्पादक रूस मुख्य रूप से यूरोपीय रिफाइनरियों को कच्चे तेल की बिक्री करती है.
इसके अलावा वह यूरोप को प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, जो इसकी आपूर्ति का लगभग 35 प्रतिशत देता है.
वैश्विक मांग में बढ़ोतरी और ओपेक द्वारा कम उत्पादन के कारण तेल की मौजूदा कमी के बीच सप्लाई साइड में बाधा की आशंका बढ़ने से ब्रेंट मंगलवार को 96डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गया.
कच्चे तेल के दूसरे सबसे बड़े निर्यातक रूस की बाजार में 12 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
यूक्रेन के बीच संघर्ष अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के देशों ने रूस पर पाबंदियां लगा दी हैं.
रूस को स्विफ्त भुगतान सिस्टम से बाहर करने पर कच्चे तेल की खरीद प्रभावित होगी. इस आशंका से विश्व बाजार में कच्चे तेल की कीमतें नईं छलांगें रही हैं.
अंतराष्ट्रीय बाजार में लंदन का ब्रेंट क्रूड बुधवार को पांच प्रतिशत की छलांग लगाकर 111 डॉलर प्रति बैरल के पार हो गया, जो जुलाई 2014 के बाद का उच्चतम स्तर है.
अमेरिकी क्रूड भी करीब पांच फीसदी की तेजी से 108 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया, जो सितंबर 2013 के बाद का उच्चतम स्तर है.
रूस कीकच्चे तेल की वैश्विक आपूर्ति में इसकी हिस्सेदारी करीब आठ प्रतिशत है. ऐसी आशंका जतायी जा रही है रूस पर लगाये गये प्रतिबंधों का असर रूस के तेल निर्यात पर पड़ेगा, जिससे आपूर्ति संकट का सामना करना पड़ेगा.
युद्ध की स्थिति में कच्चे तेल की आसमान छूती कीमतों पर लगाम लगाने के लिये ओपेक देशों की बुधवार को बैठक होनी है, जिसमें उत्पादन नीति पर चर्चा होनी है.
यूक्रेन पर रूस के हमले से नाराज कई तेल आयातक देश रूस के अलावा अन्य विकल्पों की तलाश कर रहे हैं. रूस के तेल निर्यात पर प्रतिबंध की आशंका भी उन्हें दूसरे विकल्प तलाशने को मजबूर कर रही है.
ऐसी रिपोर्ट है कि भारत की दूसरी सबसे बड़ी सरकारी तेल शोधक कंपनी भारत पेट्रोलियम भी अप्रैल में तेल आयात के लिये खाड़ी देशों से बात रही है. भारत पेट्रोलियम को यह आशंका है कि प्रतिबंध के कारण रूस से खरीदे गये तेल की डिलीवरी प्रभावित होगी.
भारत पेट्रोलियम ने मार्च के लिये रूस से 10 लाख बैरल और अप्रैल के लिये 30 लाख बैरल की बुकिंग की हुई है. ये बुकिंग एक ऐसी व्यवस्था के तहत है, जिसके मुताबिक माल और मालवाहन जहाज दोनों का बीमा विक्रेता द्वारा कराया जाता है यानी डिलीवरी संबंधी गड़बड़ी का भुगतान भारत पेट्रोलियम को नहीं करना होगा.
BREAKING: Brent crude oil hits $112
— The Spectator Index (@spectatorindex) March 2, 2022