आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
दिल्ली के एक वकील ने हुंडई इंडिया, केआईए इंडिया, केएफसी इंडिया और पिज़्ज़ा हट इंडिया के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. इसके अलावा कॉरपोरेट मामलों के मंत्री (एमसीए) और दिल्ली पुलिस से इन कंपनियों का पंजीकरण रद्द करने का अनुरोध किया गया है. इन कंपनियों पर कथित तौर पर देश की संप्रभुता को चुनौती देने का आरोप है.
शिकायतकर्ता वकील विनीत जिंदल का कहना है कि उक्त कंपनियों ने हाल में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर देश की संप्रभुता को चुनौती देने वाले आपत्तिजनक बयान और पोस्ट किए हैं. शिकायतकर्ता ने कहा कि उक्त कंपनी के बयानों और पोस्ट का ट्विटर अकाउंट के अधिकांश उपयोगकर्ता निंदा कर रहे हैं.
जिंदल ने एमसीए से इन कंपनियों का पंजीकरण रद्द करने और उन्हें भारत में कारोबार करने से प्रतिबंधित करने का अनुरोध किया है. साथ ही दिल्ली पुलिस से उक्त कंपनियों के खिलाफ आईपीसी और आईटी अधिनियम की धारा 121ए, 153, 153ए, 504,505के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है.
शिकायत के अनुसार, पाकिस्तान में व्यावसायिक लाभ हासिल करने के लिए इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा भारत की संप्रभुता को लक्षित करने वाला विवादास्पद पोस्ट बेहद निंदनीय है. बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत की संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने के लिए सार्वजनिक प्लेटफार्मों पर जानबूझकर भड़काउ बयान दिए. इसके कारण देश में दंगे, सांप्रदायिक असामंजस्य पैदा हो सकते हैं.
शिकायत में आगे कहा गया कि, यह सर्वविदित है कि कश्मीर एक संवेदनशील मुद्दा है. पिछले कई वर्षों से यह भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का कारण बना हुआ है. कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है यह तथ्य दुनिया भी जानती है.
लेकिन ये कंपनियां अपने स्वार्थ में और पाकिस्तान से व्यावसायिक लाभ के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर समर्थन दिखाने और कश्मीर के लिए आपत्तिजनक संदर्भों का उपयोग करके तथाकथित कश्मीर एकजुटता दिवस का प्रचार करने की हद तक चली र्गइं, जो उकसाने वाली बात है.
उधर, इस मुद्दे पर केएफसी ने माफी मांगी है. क्विक सर्विस रेस्तरां (क्यूएसआर) श्रृंखला केएफसी ने सोशल मीडिया पर कश्मीर में अलगाववादियों का समर्थन करने वाली पाकिस्तान स्थित फ्रेंचाइजी की एक पोस्ट पर नाराजगी के बाद माफी मांगी है.
इस के साथ पिज्जा हट ने भी पाकिस्तान में अपने आधिकारिक हैंडल द्वारा कश्मीर पर इंस्टाग्राम पोस्ट करने पर प्रतिक्रिया का सामना करने के बाद कहा, ‘‘कंपनी सोशल मीडिया में प्रकाशित पोस्ट की सामग्री की निंदा, समर्थन या सहमति नहीं करती है.‘‘