अमेरिका ने मुस्लिम ‘नरसंहार’ के लिए चीन और म्यांमार पर लगाए प्रतिबंध

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 11-12-2021
अमेरिका ने मुस्लिम ‘नरसंहार’ के लिए चीन और म्यांमार पर लगाए प्रतिबंध
अमेरिका ने मुस्लिम ‘नरसंहार’ के लिए चीन और म्यांमार पर लगाए प्रतिबंध

 

वाशिंगटन. संयुक्त राज्य अमेरिका ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर मानवाधिकारों के हनन के लिए एक चीनी कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंपनी को ब्लैकलिस्ट करते हुए, चीन, म्यांमार में दर्जनों लोगों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिए.

यह घटनाक्रम इस आलोक में है कि फरवरी में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को हटाने के बाद म्यांमार की सेना देश में मानवाधिकारों का हनन कर रही है. रेडियो फ्री एशिया ने बताया कि वित्तीय और वीजा प्रतिबंध राष्ट्रपति जो बाइडेन के वर्चुअल समिट फॉर डेमोक्रेसी के अंतिम दिन आए, जहां उन्होंने दुनिया भर में खतरों के खिलाफ लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नीतियों का अनावरण किया और करीब 100प्रतिभागियों के बीच एकजुटता की अपील की.

संयुक्त राज्य अमेरिका के ट्रेजरी के उप सचिव वैली एडेयमो ने एक बयान में कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर, ट्रेजरी गंभीर मानवाधिकारों के दुरुपयोग के जवाबदेह अपराधियों को बेनकाब करने और पकड़ने के लिए अपने उपकरणों का उपयोग कर रहा है.’

इस बीच, अमेरिका ने चीन, उत्तर कोरिया और बांग्लादेश में अधिकारों के हनन से जुड़ी संस्थाओं पर भी प्रतिबंध लगाए हैं.

रेडियो फ्री एशिया ने सूचना दी कि चीन पर प्रतिबंधों में झिंजियांग उइघुर स्वायत्त क्षेत्र (एक्सयूएआर) के वर्तमान और पिछले अध्यक्षों पर अमेरिकी वीजा प्रतिबंध भी शामिल है, जहां अल्पसंख्यक समुदाय पर अपनी कार्रवाई के एक हिस्से के रूप में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा हजारों उइगरों को हिरासत शिविरों में रखा जा रहा है.

लंदन में एक ट्रिब्यूनल द्वारा पाया गया कि इस क्षेत्र में चीनी नीतियों ने नरसंहार किया था.

कई महीनों तक चली सुनवाई के बाद, लंदन स्थित एक स्वतंत्र न्यायाधिकरण ने फैसला सुनाया है कि चीन ने शिनजियांग प्रांत में उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ ‘नरसंहार’ किया है.

ब्रिटेन स्थित वकीलों और अधिकार विशेषज्ञों के एक पैनल ने झिंजियांग क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच के बाद उइघुर ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया.

जून, सितंबर और नवंबर 2021में सुनवाई हुई, जिसके दौरान ट्रिब्यूनल के विशेषज्ञ पैनल ने सैकड़ों गवाहों के बयानों की समीक्षा की और 30से अधिक गवाहों से चीन की दमनकारी नीतियों के साथ-साथ विशेषज्ञ गवाहों के अपने अनुभवों के बारे में लाइव सबूत सुना.

इस साल की शुरुआत में, अमेरिका शिनजियांग में चीनी कार्रवाई को ‘नरसंहार’ घोषित करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. फरवरी में, कनाडा और डच दोनों संसदों ने उइघुर संकट को नरसंहार के रूप में मान्यता देने वाले प्रस्तावों को अपनाया.