पंकज दास/काठमांडू
सुबह तकरीबन 9 बजे विराटनगर विमानस्थल के एयर ट्राफिक कंट्रोल (एटीसी) ने जानकारी दी कि काठमांडू से विराटनगर आया बुद्ध एयर का बीएच702 एटीआर-72 विमान के लैंडिंग गियर (जहाज का पिछल पहिये) में अचानक गडबड़ी होने के कारण बिना लैंड किए वापस काठमांडू के तरफ जा रहा है.
एटीसी द्वारा यह खबर देते ही विराटनगर से काठमांडू विमानस्थल तक हडकंप मच गया. लैंडिंग गियर में समस्या का मतलब होता है या तो फोर्स लैंडिंग या फिर प्लेन क्रैश.
विराटनगर में बुद्ध एयर का विमान नहीं उतरने के बाद एयर होस्टेस ने विमान में सवार यात्रियों को यह सूचना दी कि कुछ तकनीकी कारणों से विमान विराटनगर विमानस्थल पर उतर कर पाया, इसलिए विमान को पुनः काठमांडू ले जाया जा रहा है.
महज आधे घंटे के सफर होने के कारण अधिकांश यात्रियों ने यही सोचा कि काठमांडू से थोडी देर के बाद उनको दूसरे विमान में बिठाकर भेज दिया जाएगा.
कभी कम विजिबिलिटी, तो कभी मौसम और कभी तकनीकी कारणों से बिना लैंड किए विमान का वापस आना नेपाल में आम बात हो गया है. लेकिन फोर्स लैंडिंग कराना पड़े या विमान के क्रैश होने की नौबत आ जाए, तो यकीनन टेंशन कुछ ज्यादा ही होगी.
और सबसे अधिक टेंशन में थे विमान में सवार यात्री. विराटनगर में विमान नहीं उतरने और काठमांडू के आसमान में करीब दो घंटों तक बुद्ध एयर का वह विमान उडान भरता रहा, तो यात्रियों के मन में तरह तरह की आशंकाएं होने लगीं.
काठमांडू के त्रिभुवन विमानस्थल पर उस विमान के पायलट ने कई बार लैंडिंग कराने की कोशिश की, लेकिन हर बार वो असफल रहे. अंत में एयर होस्टेस ने उद्घोष किया, “प्लेन क्रैश न हो, इसलिए फ्यूल को बर्न किया जा रहा है और काठमांडू में फोर्स लैंडिंग कराने का प्रयास चल रहा है.”
इतना ही नहीं एयर होस्टेस ने यात्रियों को भरोसा दिलाते हुए बताया कि काठमांडू विमानस्थल पर फोर्स लैंडिंग की सारी तैयारियां हो गई है. रनवे पर फोम डाल दिया गया है. दमकल एम्बुलेंस सबकी तैयारी है. हम आपको विमान के आकस्मिक द्वार से सुरक्षित बाहर निकालने का पूरा प्रयास करेंगे.
इतने में विमान के पायलट ने काठमांडू में लैंडिंग के कई असफल प्रयास के बाद जब फ्यूल बिलकुल ही खत्म होने के कगार पर पहुंच गया, तो उन्होंने अनाउंस किया, “अब आखिरी बार विमान के लैंडिंग का प्रयास किया जा रहा है.”
पहले एयरहोस्टेस के द्वारा फोर्स लैंडिंग की जानकारी फिर पायलट के द्वारा लैंडिंग का आखिरी प्रयास की जानकारी देते ही यात्रियों के हाथपांव फूलने लगे. सबको यह लगा कि वो अब बच नहीं पाएंगे. यह उनका आखिरी सफर है. जैसे-जैसे विमान नीचे उतरता गया, नीचे विमानस्थल पर एम्बुलेंस दमकल सहित सुरक्षाकर्मियों की भारी मौजूदगी के कारण यात्रियों को लगा कि अब वो बचने वाले नहीं है.
लेकिन तभी चमत्कार सा होता है और लैंडिंग के आखिरी प्रयास में विमान का पिछला पहिया यानि लैंडिंग गियर पूरी तरह खुल गया था.
काठमांडू विमानस्थल के एटीसी ने पायलट को बताया कि लैंडिंग गियर खुल चुका है और आप लैंड करा सकते हैं. पायलट के सूझबूझ और आत्मविश्वास ने 73 यात्रियों की जान बचा ली.
यात्रियों के साथ विमानस्थल पर भी सभी ने चैन की सांस ली. सुबह 8.30 बजे काठमांडू से उडा, यह विमान दो घंटे के बाद 10.35 मिनट तक लगातार हवा में रहने के बाद उतर पाया.