पाकिस्तान बना दुनिया का सबसे खतरनाक मानवाधिकार मुल्कः रिपोर्ट

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 22-06-2022
पाकिस्तान बना दुनिया का सबसे खतरनाक मानवाधिकार मुल्कः रिपोर्ट
पाकिस्तान बना दुनिया का सबसे खतरनाक मानवाधिकार मुल्कः रिपोर्ट

 

इस्लामाबाद. एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इमरान खान के शासन के दौरान पाकिस्तान दुनिया में सबसे खतरनाक मानवाधिकार हनन करने वालों में से एक बन गया. जस्ट अर्थ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जनरल परवेज मुशर्रफ के बाद, इमरान खान मानवाधिकार हनन करने वालों में कुख्यात थे, जिन्होंने पाकिस्तान की मदद से मीडिया हाउस, मानवाधिकार समूहों और सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को दबाने की कोशिश की. प्रकाशन के अनुसार, उनके शासन के दौरान असंतुष्टों की हत्या, पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला सामान्य हो गया.

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने इस साल की शुरुआत में जारी अपनी ‘स्टेटस ऑफ ह्यूमन राइट्स रिपोर्ट 2021’ में कहा था कि उस वर्ष अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों को सबसे अधिक नुकसान हुआ. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इन प्रतिबंधों का सारांश एक तानाशाही शासन की तरह है, जो अपने लोगों के बोलने और काम करने के अधिकार को हथियाने पर आमादा है.’’

रिपोर्ट ने स्पष्ट रूप से पिछली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को ‘पत्रकारों को डराने-धमकाने के मामले में सबसे दमनकारी’ करार दिया.

पत्रकारों को डराने-धमकाने के कम से कम नौ मामलों पर प्रकाश डालते हुए, रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है, ‘‘अगर कोई सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा नहीं कर सकती है, बल्कि उस पर अंकुश लगाने की कोशिश करती है, तो इसका अन्य सभी अधिकारों पर सीधा असर पड़ता है.’’

रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान सरकार ने सेना के सहयोग से पत्रकारों पर क्रूर कार्रवाई की थी, जब भी कोई उनके खिलाफ लिखता था.

प्रकाशन के अनुसार, खाकी में इमरान खान और उनके सहयोगियों का असली चेहरा क्षुद्र राजनीति और कीचड़ उछालने के शोर-शराबे में खो गया है, जिसने पाकिस्तान को दुनिया में हंसी का पात्र बना दिया है.

जैसा कि रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘जबरन गायब होने की कई घटनाएं और लगातार पुलिस की ज्यादती, जो असंतुष्ट आवाजों को लक्षित करती थी. असंतुष्ट सरकार के लिए अभिशाप बने रहे, क्योंकि इसने उन लोगों पर अपने हमलों को तेज कर दिया, जिन्होंने इसे किसी भी तरह से चुनौती दी थी. समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के साथ भी ऐसा ही हुआ.’’

न केवल पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग, बल्कि अमेरिकी विदेश विभाग ने भी अपनी 2021 की रिपोर्ट में कहा कि इस्लामाबाद में सरकार या उसके एजेंटों द्वारा गैर-न्यायिक हत्याओं सहित गैर-कानूनी या मनमानी हत्याओं जैसे मानवाधिकारों के हनन की एक लंबी सूची देखी गई, सरकार या उसके एजेंटों द्वारा जबरन गायब किया जाना, पत्रकारों के खिलाफ हिंसा, अनुचित गिरफ्तारी और पत्रकारों के लापता होने सहित स्वतंत्र अभिव्यक्ति और मीडिया पर गंभीर प्रतिबंध के अलावा अत्याचार और क्रूर, इसके एजेंटों के मामले.

ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट 2021 में कहा गया है कि सरकारी सुरक्षा बलों और आतंकवादी समूहों दोनों द्वारा ‘डर का माहौल’ बनाया गया था.

प्रकाशन के अनुसार, पत्रकारों ने इमरान खान की सरकार और सेना के खिलाफ लिखना बंद करने का विकल्प चुना.

लाइन से बाहर निकलने की हिम्मत करने वाले पत्रकारों का अपहरण कर लिया गया, पीटा गया, गुप्त जेलों में बंद कर दिया गया या काम करने से रोक दिया गया.