पंकज दास / काठमांडू
नेपाल सरकार ने पहली बार आधिकारिक रूप से स्वीकार किया है कि चीन के साथ उसका सीमा विवाद है. चीन के द्वारा नेपाल के कई जिलों में सीमा अतिक्रमण किए जाने की घटना की जांच के लिए सरकार ने एक हाई लेवल कमेटी का गठन करने का निर्णय किया है.
नेपाल के प्रधानमन्त्री शेर बहादुर देउवा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक से चीन के द्वारा सीमा अतिक्रमण किए जाने के मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमिटी के गठन को मंजूरी दी है. गृह मंत्रालय के ज्वाईंट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में बनने वाली इस कमिटी में नेपाल के चारों सुरक्षा निकाय के प्रतिनिधि को रखे जाने का निर्णय किया गया है.
ओली सरकार के समय स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने यह शिकायत की थी कि चीन ने नेपाल के हुम्ला जिले के नाम्खा में चीन ने नेपाली भूमि अतिक्रमण कर अपने सैनिकों के लिए 9 भवनों का निर्माण कर लिया है. काफी दबाब के बाद तत्कालीन ओली सरकार ने प्रमुख जिला अधिकारी के नेतृत्व में एक जांच कमिटी का गठन किया था लेकिन उसके रिपोर्ट आने से पहले ही सरकार के तरफ से बयान देते हुए तत्कालीन विदेश मंत्री ने कहा था कि चीन के साथ किसी भी प्रकार का सीमा विवाद नहीं है, जिस पर सरकार की काफी आलोचना हुई थी.