काबुल. खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आईएस-के) की जड़ें तालिबान और हक्कानी नेटवर्क में हैं.
आईएस-के ने गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे पर विनाशकारी बम विस्फोटों की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 13अमेरिकी सेवा सदस्यों सहित कम से कम 90लोग मारे गए थे.
सालेह ने एक ट्वीट में कहा, “हमारे पास मौजूद हर सबूत से पता चलता है कि आईएस-के की जड़ें तालिबान और हक्कानी नेटवर्क में हैं, विशेष रूप से काबुल में सक्रिय हैं. आईएस के साथ संबंधों से इनकार करने वाले तालिबानी क्वेटा शूरा पर पाकिस्तान के इनकार के ही समान हैं. तालिबानों ने अपने मास्टर से बहुत अच्छी तरह से सीखा है.”
तालिबान के एक अधिकारी ने दावा किया कि गुरुवार के हमलों में मारे गए कम से कम 28अफगान तालिबान के सदस्य थे.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने हमलावरों से बदला लेने की शपथ लेते हुए कहा कि वह उन्हें ढूंढ निकालेंगे.