मलिक असगर हाशमी /नई दिल्ली / इस्लामाबाद
करे कोई भरे कोई. पाकिस्तान के वित्त मंत्री शेख अब्दुल हफीज के साथ कुछ ऐसा ही हो गया. प्रधानमंत्री इमरान खान से देश संभल नहीं रहा है. नीतियां ऐसी हैं कि पाकिस्तान हर मोर्चे पर पिछड़ रहा है. यहां तक कि उसके दोस्त मुस्लिम देश उससे बिदकने लगे हैं. चीन और सउदी अरब अपनी उधारी का तकादा करने कर रहे हैं.
ऐसे में देश का आर्थिक मोर्चो पर पिछड़ना लाजमी है. बुरी नीतियों के चलते इस समय पाकिस्तान में महंगाई आसमान पर है. रमजान से एक पखवाड़ा पहले खाने-पीने की तमाम चीजंे महंगी हो गई हैं. अब इसका ठिकरा
शेख अब्दुल हफीज के सिर फोड़ कर उन्हें वित्त मंत्री के पद से चलता कर दिया गया. वह भी अचानक और गुपचुप तरीके से.
वैसे, अब्दुल हफीज शेख ने वित्त मंत्री के पद से हटाने की पुष्टि कर दी है. उन्हांेने इस बारे में कहा कि इमरान खान महंगाई को लेकर परेशान हैं, इसलिए उन्हें हटा दिया गया.पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने महंगाई पर काबू पाने के लिए अब एक नई आर्थिक टीम बनाने का फैसला किया है. हमाद अजहर प्रधानमंत्री इमरान खान के इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएंगे.
वित्त मंत्री का पोर्टफोलियो हमीर अजहर को दिया गया है. उन्होंने दावा किया कि सरकार अब नए जोश के साथ काम करेगी. हालाकि उनसे पूछा जा सकता है कि इससे पहले सरकार को ऐसा करने से कौन रोक रहा था ?
बहरहाल, सरकार की मंशा रमजान से पहले महंगाई को नियंत्रित करने की है. कैबिनेट में फेरबदल का फैसला इसलिए लिया गया. आज कुछ और बदलाव देखे जा सकते हैं. सरकार की ओर से कहा गया कि अब जो भी बदलाव किए जाएंगे, उन्हें सार्वजनिक किया जाएगा.
उधर, पूर्व मंत्री अब्दुल हफीज शेख ने पाकिस्तान मीडिया से बातचीत में कहा है-‘‘ उन्हें अभी तक पता नहीं कि उन्हें अब कौन सा मंत्रालय दिया जाएगा’’. उन्होंने सोमवार को विभिन्न टीवी चैनलों से बात करते हुए कहा कि कैबिनेट में आर्थिक नीतियों और एसबीपी की स्वायत्तता को लेकर कुछ परेशानियां हैं. बढ़ती महंगाई भी प्रमुख मुद्दा है जिस पर प्रधानमंत्री और कई अन्य मंत्रियों कोे फैसला लेना है.
रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान की अध्यक्षता में सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी जिसमें संघीय मंत्रिमंडल में बदलाव पर चर्चा हुई.
सूत्रों ने बताया कि संघीय मंत्रिमंडल में गठबंधन दलों एमक्यूएम पाकिस्तान और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) से भी सलाह ली गई. बैठक में अंतरराष्ट्रीय मामलों को लेकर भी कई प्रस्तावों पर विचार किया गया. प्रधानमंत्री ने मंत्रालयों और विभागों के प्रदर्शन पर चर्चा करने के लिए बनी मंत्रियों की कमेटी के साथ लंबी बैठक की. उसके बाद वित्त मंत्री को हटाने का फरमान सुनाया गया.
वित्त मंत्री को अचानक हटाने पर आलोचना झेल रहे इमरान खान का बचाव करते हुए सत्तारूढ़ दल तहरीक ए इंसाफ के सिनेटर शिबली फराज ने कहा है कि प्रधानमंत्री को वह आर्थिक परिणाम नहीं मिले, जो वह चाहते थे.