पाकिस्तानी एतराज दरकिनार, सऊदी अरब के मक्का मुकर्रमा क्षेत्र में 9 सिनेमा हॉल को अनुमति

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 12-09-2021
सऊदी अरब के मक्का मुकर्रमा क्षेत्र में 9 सिनेमा हॉल को अनुमति
सऊदी अरब के मक्का मुकर्रमा क्षेत्र में 9 सिनेमा हॉल को अनुमति

 

रियाद. सऊदी अरब में चार साल में 44 सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति मिली है, जिनमें 9 सिनेमा हॉल मक्का मुकर्रमा क्षेत्र में हैं.

हालांकि पाकिस्तान के कुछ उलेमा ने इस पर एतराज जताया था कि पवित्र शहर में सिनेमा हाल न खोले जाएं. इससे अश्लीलता बढ़ेगी.

किंतु सामाजिक और आर्थिक उदारीकरण के राह पर चल रहे सार्वभौम राष्ट्र सऊदी

अरब ने पाकिस्तान के उलेमा की सलाहों को दरकिनार करते हुए सिनेमा हॉलों को अनुमति दे दी है.

सबक वेबसाइट का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी अरब में पहला सिनेमा 18 अप्रैल, 2018 को रियाद में खोला गया था, जबकि अंतिम दो सिनेमाघर 19 अगस्त, 2021 को रियाद और ताइफ में खोले गए थे.

सऊदी सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 4 साल में सिनेमा के खुलने के बारे में सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर एक इन्फोग्राफिक साझा किया. इस इन्फोग्राफिक के मुताबिक, सऊदी अरब में सबसे ज्यादा सिनेमा की ओपनिंग अगस्त 2018 से 2021 के बीच हुई.

सऊदी सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अनुसार, हर साल अगस्त में 10 सिनेमाघर खुलते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब के 13 प्रांतों में से 9 में सिनेमाघर खुल गए हैं, जिनमें से 21 रियाद में, 9 मक्का मुकर्रमा क्षेत्र में और 8 पूर्वी क्षेत्र में स्थित हैं.

सऊदी सूचना मंत्रालय का कहना है कि देश भर में खुलने वाले सिनेमाघरों का स्वामित्व पांच कंपनियों के पास है. ध्यान रहे कि 2019 में सिनेमाघरों की संख्या 12 थी जो 2020 में बढ़कर 33 हो गई और अब 44 हो गई है.

सऊदी अरब ने 35 साल बाद अमेरिकी कंपनी एएमसी एंटरटेनमेंट को देश में सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति देने वाला पहला लाइसेंस जारी किया है. 18 अप्रैल, 2018 को रियाद में पहले सिनेमा का अनावरण किया गया था, और सिनेमा को जनता के लिए खोले जाने से पहले, सबसे सफल परीक्षण फिल्म ‘ब्लैक पैंथर’ भी प्रदर्शित की गई थी.

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सिनेमाघरों को धार्मिक हलकों द्वारा अनैतिक और समाज के लिए अनुपयुक्त माना जाता था, जिसके बाद उन्हें 1980 के दशक में प्रतिबंधित कर दिया गया था.

हालांकि, उनकी बहाली को सुधारवादी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आधुनिकतावादी राज्य के हिस्से के रूप में वर्णित किया गया है, क्योंकि तेल की कीमत अस्थिरता और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव ने सऊदी क्राउन प्रिंस द्वारा शुरू किए गए विभिन्न सुधारों को जन्म दिया था.