जब लोग पाक पीएम इमरान खान को रंगने उनके रूम में घुस गए

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 27-03-2021
1987 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों ने बंगलुरू में मनाई थी होली
1987 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों ने बंगलुरू में मनाई थी होली

 

हमें एक दूसरे के त्योहारों में भाग लेना चाहिए, इसमें कोई हानि नहीं - जावेद मियांदाद

साकिब सलीम

धर्मों से जुड़े त्यौहार, सांस्कृतिक और सामाजिक संगम के मिलन बिंदु होते हैं. कोई त्यौहार एक विशेष धार्मिक समुदाय का है. इसलिए अन्य धार्मिक विश्वासों के लोगों द्वारा त्यौहार नहीं मनाने चाहिए, यह विचार हमारे अंदर पिछली दो शताब्दियों के दौरान औपनिवेशिक उपदेशों के कारण आया है. आज जब हम होली मना रहे हैं, तो ऐसे लोगों के समूह हैं, जो कहते हैं कि यह हिंदू त्योहार मनाना गैरइस्लामिक है या मुस्लिम संस्कृति के खिलाफ है. यहां मैं उन्हें यह बताने के लिए एक सुदूर अतीत का दौरा नहीं करना चाहता कि कैसे मुगल बादशाह, अवध के नवाब, दक्कन में मुस्लिम शासक और प्रमुख मुस्लिम लेखकों ने होली मनाई. बल्कि, मैं निकट अतीत की एक घटना बताता हूं.

यह 1987 का मार्च था, वर्तमान प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान क्रिकेट टीम बैंगलोर में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच खेल रही थी.

उस वर्ष मैच के दिनों में होली का त्योहार चल रहा था. एक वीडियो में पाकिस्तान के सबसे महान बल्लेबाज में से एक जावेद मियांदाद याद करते हुए अक्सर बताते हैं कि कैसे उन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेटरों के बीच भारतीय खिलाड़ियों और होटल के अन्य कर्मचारियों पर रंग फेंके थे.

मियांदाद बताते हैं, “बंगलोर टैस्ट के दौरान एक ही होटल में दोनों टीमें रुकी हुई थीं. शाम को हम साथ में समय बिताया करते थे. होली के दिन थे. लोगों ने होटल में होली खेलने शुरू कर दी. सभी एक-दूसरे को रंग लगा रहे थे. हमने तो भारतीय क्रिकेटरों को भी नहीं बख्शा. बेशक, उन्हें भी कोई ऐतराज नहीं था.”

मियांदाद कहते हैं कि भारतीय बहुत सौहार्दपूर्ण थे और वहां कोई घृणा नहीं थी, क्योंकि उन्हें होली के उत्सव में आमंत्रित किया गया था. खिलाड़ियों द्वारा फेंके गए रंगों के कारण पूरा वेस्टिन होटल लाल रंग में रंगा हुआ था.

उनका मानना है, त्यौहार किसी विशेष धर्म का नहीं है और लोगों को एक दूसरे के त्यौहारों को मनाना चाहिए, जश्न मनाने में कोई बुराई नहीं है.

सभी पाकिस्तानी खिलाड़ियों में केवल इमरान खान रंग खेलने से कतराते थे और खुद को कमरे में बंद कर लेते थे.

मियांदाद ने टीम के अन्य साथियों के साथ पाकिस्तान के वर्तमान पीएम को रंगने के लिए जबरन कमरे में प्रवेश किया. पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने होटल के सभी खिलाड़ियों और मेहमानों को रंगीन पानी से भरे पूल में फेंक दिया. मियांदाद द्वारा रंग डालने के लिए रवि शास्त्री को तो विशेष तौर पर निशाना बनाया गया था और उन्हें स्वीमिंग पूल में डाल दिया था.

भारतीय विकेटकीपर किरण मोरे भी उस होली को यादगार बनाने में मियांदाद द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को याद करते हैं.

दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने रंग खेला, भांगड़ा की धुनों पर नृत्य किया और देर तक पार्टी किया.

अगले दिन भारत मैदान पर 16 रन से मैच और श्रृंखला भी हार गया.

मैं अंत में मियांदाद को उद्धृत करता हूं, “हमें एक दूसरे के त्योहारों में भाग लेना चाहिए. इसमें कोई हानि नहीं हुई.”