बीएफआई का बॉक्सर लवलीना को हर संभव मदद का आश्वासन

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 26-07-2022
बॉक्सर लवलीना को बीएफआई ने हर संभव मदद का दिया आश्वासन
बॉक्सर लवलीना को बीएफआई ने हर संभव मदद का दिया आश्वासन

 

बर्मिघम.

राष्ट्रमंडल गेम्स के शुरू होने में सिर्फ तीन दिन का समय रह गया है. ऐसे में टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने सोमवार को सोशल मीडिया पर अपनी बातें साझा की, जहां उन्होंने आरोप लगाया कि वह अपने कोचों के बार-बार बदले जाने के कारण 'मानसिक उत्पीड़न' से गुजर रही हैं.

बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा है कि महासंघ उन्हें हर तरह का समर्थन देने की कोशिश कर रहा है.

लवलीना बोरगोहेन के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए खेल मंत्रालय ने ट्वीट किया, "हमने भारतीय ओलंपिक संघ से लवलीना बोरगोहेन के कोच की मान्यता की तत्काल व्यवस्था करने का आग्रह किया है.

" बीएफआई ने कहा कि महासंघ भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि लवलीना बोरगोहेन की कोच संध्या गुरुंगजी बर्मिघम में टीम का हिस्सा बन सकें.

बीएफआई ने कहा, "खेल दल के केवल 33 प्रतिशत को 'सपोर्ट स्टाफ' के रूप में अनुमति दी जाती है, जो बीएफआई के मामले में 12 मुक्केबाजों (8 पुरुष और 4 महिलाएं) के लिए 4 सहायक कर्मचारी हैं, (कोच सहित) जिन्हें बर्मिघम के लिए टीम के साथ यात्रा करनी थी."

बीएफआई ने एक विज्ञप्ति में कहा, "बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सुनिश्चित किया कि संध्या गुरुंगजी आयरलैंड में प्रशिक्षण शिविर में थे. बीएफआई आईओए के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि संध्या गुरुंगजी बमिर्ंघम में टीम का हिस्सा बन सकें."

बीएफआई ने कहा, "कोचों और सहयोगी स्टाफ के संबंध में मुक्केबाजी की आवश्यकताएं थोड़ी अलग हैं क्योंकि कई मुकाबले हैं, जो एक के बाद एक हो सकते हैं.

आईओए ने बीएफआई के दृष्टिकोण को समझा और इसलिए, अधिकतम संभव अतिरिक्त सहायक कर्मचारियों के साथ मदद की. आईओए के साथ 12 मुक्केबाजों के दल के साथ सहयोगी स्टाफ की संख्या 4 से बढ़ाकर 8 करने में मदद की."

स्टार मुक्केबाज ने कहा कि प्रमुख आयोजनों के लिए उनकी तैयारी लगातार प्रभावित हुई है क्योंकि उनके कोचों ने उन्हें टोक्यो में एक ऐतिहासिक पदक दिलाने में मदद की थी, जिन्हें बिना किसी स्पष्टीकरण के हटा दिया गया था.

असम की 24 वर्षीय मुक्केबाज ने एक ट्वीट में कहा कि राष्ट्रमंडल खेल गांव में अधिकारियों द्वारा उनके कोचों के प्रवेश से इनकार करने के बाद उन्हें प्रशिक्षण में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

लवलीना ने कहा कि उनके एक कोच को घर भेज दिया गया है और दूसरे को राष्ट्रमंडल खेल गांव में प्रवेश से वंचित कर दिया गया है. लवलीना ने एक ट्वीट में कहा, आज बड़े दुख के साथ मैं यह बताना चाहती हूं कि मेरे साथ उत्पीड़न हो रहा है.

जिन कोचों ने मुझे ओलंपिक पदक जीतने में मदद की, उन्हें हटा दिया गया जिससे मेरी प्रशिक्षण प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो रही है. कोचों में से एक संध्या गुरुंगजी हैं, जो द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता हैं.

दोनों मेरे कोचों को प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने के लिए निवेदन करना पड़ता है और उन्हें काफी देर से आने की अनुमति दी जाती है. उन्होंने आगे कहा, अभी मेरी कोच संध्या गुरुंगजी कॉमनवेल्थ विलेज के बाहर हैं.

इस सब के साथ, खेलों से ठीक 8 दिन पहले मेरी ट्रेनिंग प्रक्रिया रुक गई है. मेरे दूसरे कोच को भी भारत वापस भेज दिया गया है. मेरे कई अनुरोध करने के बाद भी मदद नहीं की गई है.

जिससे मुझे मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा है. मुझे नहीं पता कि खेल में कैसे ध्यान केंद्रित करना है. इसके कारण मेरी पिछली विश्व चैंपियनशिप भी खराब हो गई थी.

इस राजनीति के कारण मैं अपना राष्ट्रमंडल खेल खराब नहीं करना चाहती. मुझे उम्मीद है कि मैं इस राजनीति को तोड़ और अपने देश के लिए पदक जीतूंगी.

जय हिंद। मुक्केबाज ने दिल्ली में आयोजित चयन ट्रायल में रेलवे पूजा के खिलाफ 7-0 से जीत के साथ 70 किग्रा स्पर्धा में राष्ट्रमंडल गेम्स के लिए भारतीय टीम में जगह पक्की की थी.

लवलीना ने इतिहास रचा, जब उन्होंने टोक्यो 2020 में महिलाओं का 69 किलोग्राम कांस्य पदक जीता, विजेंदर सिंह (बीजिंग 2008 में कांस्य) और मैरी कॉम (लंदन 2012 में कांस्य) के बाद ओलंपिक में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय मुक्केबाज बनी थीं.