तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि संघ को लेकर लोगों के बीच लंबे समय से बनी धारणाओं को दूर करने के लिए जनता के साथ व्यापक और गहन संवाद की आवश्यकता है। उनके अनुसार, संघ की 100 वर्ष की यात्रा अब भी “तथ्यों से ज़्यादा धारणाओं” के आधार पर समझी जाती है।
भागवत ने कहा कि इसी उद्देश्य से देशभर में नए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जहां संघ के स्वयंसेवक लोगों से सीधा संवाद करेंगे और संगठन के बारे में “सटीक और तथ्यात्मक जानकारी” साझा करेंगे।भागवत तिरुचिरापल्ली में आयोजित कार्यक्रम “संघ की 100 वर्ष की यात्रा – नए क्षितिज” को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “संघ ने 100 वर्षों का कार्य पूरा कर लिया है और पिछले 10-15 वर्षों में यह सार्वजनिक चर्चा का विषय भी अधिक बना है। लेकिन चर्चा के दौरान यह स्पष्ट होता है कि समर्थक हों या आलोचक—अधिकांश लोग तथ्यों से नहीं, बल्कि धारणाओं के आधार पर बात करते हैं।”