अपडेट
सायं 6.54 / 08 फरवरी, 2021
- तपोवन टनल में अभी भी 600 मीटर पर 30-35 मजदूर फंसे होने की आशंका है।
- मलबा 180 मीटर के पास रुकने की संभावना है।
- राहत एवं बचाव दल ने सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंचने का प्लान बनाया है।
- यह सुरंग 3 किमी लंबी है और 7.5 मीटर चौड़ी है।
- सुरंग में 180 मीटर पर टी प्वाइंट है और इसमें 3 छोटी सुरेंगे हैं। ये छोटी सुरंगे 2.5 मीटर चौड़ी और ढलान पर हैं।
अपडेट
सायं 5.53 / 08 फरवरी, 2021
चमोली. उत्तराखंड में चमोली जिले के रैनी गांव में ग्लेशियर फटने से बड़ी तबाही हुई है. जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने से धौली गंगा नदी में बाढ़ आ गई और इस त्रासदी के बाद से अब तक 18 शव बरामद किए गए हैं. राज्य सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), जो बचाव और राहत कार्यों में लगी हुई है, उसने स्थानीय प्रशासन से प्राप्त अपडेट की जानकारी देते हुए कहा है कि 202 लोग अभी भी लापता हैं.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में, उत्तराखंड सरकार ने कहा कि अब तक 18 शव बरामद किए गए हैं, जबकि 202 लोग अभी भी लापता हैं.
राज्य सरकार ने कहा कि सूची सोमवार दोपहर को तैयार की गई है.
इसमें कहा गया है कि एक सुरंग के अंदर करीब 25-35 लोग फंसे हुए हैं और उन्हें बचाने के लिए ऑपरेशन जारी है. राज्य सरकार ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों को भी 202 लापता लोगों की सूची में शामिल किया गया है.
आईटीबीपी के एक अधिकारी ने कहा कि लापता होने वालों में रित्विक कंपनी के 21 लोग, रित्विक की सहयोगी कंपनी के 100, एचसीसी कंपनी के तीन, ओम मेटल के 21 और तपोवन, रिंगी और काचरे गांव के दो-दो लोग, ऋषि गंगा कंपनी के 46लोग और रैनी गांव के पांच लोग शामिल हैं.
गंगा नदी के छह स्रोतों में से एक, धौलीगंगा नदी में जल स्तर बढ़ गया. रविवार सुबह अचानक ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट के पास एक हिमस्खलन हो गया था. उत्तराखंड के चमोली में रविवार सुबह अचानक तबाही ने भयानक दस्तक दी. तपोवन इलाके में ग्लेशियर टूटने के बाद वहां नदी का जलस्तर बढ़ गया और फिर पानी का ऐसा खौफनाक बहाव आया, जो अपने साथ तिनके की तरह सब कुछ बहा कर ले गया.
आईटीबीपी ने कहा कि ऋषि गंगा में सुबह करीब 10.45 बजे बाढ़ आ गई, क्योंकि एक ग्लेशियर उसमें गिर गया, जिससे पानी की मात्रा तेजी से बढ़ गई.
बताया गया है कि इसके कारण ऋषि गंगा हाईड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है.
आईटीबीपी के लगभग 425 जवान, एसडीआरएफ के 70कर्मी, एनडीआरएफ के 129 कर्मी और सशस्त्र बल के 124 जवान इलाके में बचाव और तलाशी अभियान चला रहे हैं.
अर्धसैनिक बल ने कहा कि रैनी गांव के पास पुल ध्वस्त होने के कारण उसके बॉर्डर आउटपोस्ट की कनेक्टिविटी पूरी तरह से टूट चुकी है.
अपडेट
सुबहः 11.30 / 08फरवरी 2021
चमोली (उत्तराखंड). धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों में भारी जलभराव के कारण ग्लेशियर के फटने के बाद, बोल्डर और मलबे ने रैनी बिजली परियोजना को नष्ट कर दिया, जिससे तपोवन पर भारी प्रभाव पड़ा है. इस दौरान 32लोगों की मौत हो गई. उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक ने सोमवार को बताया कि 121लोग एक अन्य प्रोजेक्ट से लापता हैं.
उन्होंने कहा कि अनावश्क ‘‘दहशत फैलाने की कोई जरूरत नहीं’’. ग्लेशियर कल फटा था जिससे तपोवन के रैनी बिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा. उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार, ने कहा कि अब तक 10 शव बरामद किए जा चुके हैं. कल तपोवन की छोटी सुरंग से 12 लोगों को बचाया गया। बड़ी सुरंग को खोलने के प्रयास जारी हैं.
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