यूपीः बाबू अली के खेत में बिराजेंगे बजरंगी बली

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 12-10-2022
यूपीः बाबू अली के खेत में बिराजेंगे बजरंगी बली
यूपीः बाबू अली के खेत में बिराजेंगे बजरंगी बली

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-शाहजहांपुर

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में असमत उल्ला उर्फ बाबू अली ने अपनी संपत्ति का एक हिस्सा जिला सरकार को देने की पेशकश की है, ताकि दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण परियोजना पर पड़ने वाले मंदिर को वहां स्थानांतरित किया जा सके.

दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर यहां कछियानी खेड़ा में हनुमान मंदिर स्थित है, जो चौड़ीकरण परियोजना में बाधा बना हुआ है। प्रषासन परियोजना के लिए मंदिर को षिफ्ट करना चाहता है। इस कार्य की सिद्धि के लिए बाबू अली नामक व्यक्ति सामने आए। असमत उल्ला उर्फ बाबू अली शाहजहांपुर के तिलहर की हिंदू पट्टी में परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने बड़ा दिल दिखाते हुए मंदिर के लिए एक बीघा जमीन मंदिर के लिए दान में देने का फैसला किया।

पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) रामसेवक द्विवेदी ने बताया कहा कि बाबू अली ने प्रशासन को एनएच-24 के पास एक बीघा (0.65 हेक्टेयर) जमीन दान में दी है, ताकि मंदिर को स्थानांतरित किया जा सके।

तिलहर की उप जिला मजिस्ट्रेट राशि कृष्णा ने कहा कि सरकार को जमीन हस्तांतरित करने की कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। अली की प्रषंसा करते हुए कृष्णा ने कहा कि इस व्यक्ति ने ‘गंगा जमुनी तहजीब’ को बरकरार रखा है, जिसका इस्तेमाल देश में हिंदू और मुस्लिम संस्कृतियों के संलयन को संदर्भित करने के लिए किया जाता था।

इसी तरह की एक घटना में, चेन्नई के एक मुस्लिम जोड़े ने सितंबर के महीने में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को ₹1 करोड़ का दान दिया था। यह दान सुबीना बानो और अब्दुल गनी द्वारा किया गया था और इसमें नव निर्मित श्री पद्मावती रेस्ट हाउस के लिए फर्नीचर और बर्तनों में 87 लाख और श्री वेंकटेश्वर अन्ना प्रसादम ट्रस्ट के लिए 15 लाख का मसौदा शामिल था।

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, हनुमान मंदिर की पुनर्स्थापना के लिए अपनी मंगलवार शाम एसडीएम राशि कृष्णा को दानपत्र की रजिस्ट्री की गई। अधिकारी असमत उल्ला के साथ मंदिर पहुंचे। यहां कागजात बजरंगबली के चरणों में अर्पित किए गए।

मंदिर निर्माण के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की भूमि कम होने के कारण असमत उल्ला उर्फ बाबू अली की जमीन को खरीदने की योजना बनाई गई थी। बाद में पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद के हस्तक्षेप पर मुख्यमंत्री के माध्यम से असमत उल्ला से बात की गई। इसके बाद भूस्वामी असमत उल्ला मंदिर के पीछे अपनी जमीन के रकबे में से एक बीघा जमीन मंदिर के नाम दान करने के लिए राजी हो गए।

अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद दानपत्र का मसौदा तहसीलदार ज्ञानेंद्र नाथ के माध्यम से तैयार किया गया। असमत उल्ला उर्फ बाबू ने मंगलवार दोपहर बाद तहसील पहुंचकर दानपत्र के कागज तैयार कराए। इस दौरान चिन्मयानंद के करीबी एसएस डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य अवनीश मिश्रा, एडवोकेट फिरोज हसन खान तथा असमत उल्ला खान के बड़े बेटे आफताब अली दानपत्र में गवाह बने। देर शाम रजिस्ट्रार राहुल सिंह परमार के समक्ष मंदिर समिति की पदेन अध्यक्ष एसडीएम राशि कृष्णा को भूमि स्वामी असमत उल्ला ने एक बीघा जमीन बतौर दान की रजिस्ट्री कराई।

रजिस्ट्री के बाद एसडीएम राशि कृष्णा, तहसीलदार ज्ञानेंद्र नाथ और भूस्वामी अस्मत उल्ला खां आदि के साथ कछियानी खेड़ा हनुमान मंदिर पहुंचे। यहां शाहजहांपुर से पहुंचे स्वामी चिन्मयानंद ने भूमि स्वामी और एसडीएम के साथ मिलकर रजिस्ट्री के कागज बजरंगबली के चरणों में अर्पित करते हुए मंदिर में माथा टेका। भव्य मंदिर का निर्माण का संकल्प लिया गया।

असमत उल्ला उर्फ बाबू अली ने कहा, ‘‘मैंने हिंदू-मुस्लिम एकता की साझी विरासत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबका साथ-सबका विकास से प्रेरित होकर हनुमान मंदिर के लिए अपनी एक बीघा भूमि बजरंगबली हनुमान के नाम दान कर दी है। शाहजहांपुर जिले में हमेशा गंगा-जमुनी तहजीब को कायम रखा गया है। मैं चाहता हूं कि मेरे न रहने के बाद भी मुझे इस तहजीब के लिए याद किया जाता रहे।’’