राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-अलीगढ़
युद्ध की विभाषिका के शिकार यूक्रेन में फंसे एक युवक की मां और उसकी सलामती और वतन वापसी के लिए पांचों वक्त की नमाज अदा कर रही हैं.
यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई सस्ती है. इसलिए लगभग 16 हजार भारतीय युवक वहां पढ़ रहे हैं.
युद्ध के बाद वहां फंसे भारतीय बच्चों के लिए पूरे देश में चिंता के बादल मंडरा रहे हैं.
सभी बच्चों के परिजन और देशवासी उनकी सलामती के लिए मंदिरों और इबादतगाहों में मन्नत मांग रहे हैं और पूजा-अर्चना कर रहे हैं.
ऐसा ही एक परिवार अलीगढ़ में है. गाजियाबाद के मूल निवासी निजामुद्दीन का परिवार अलीगढ़ की पुलिस लाइन में रहता है. निजामुद्दीन उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं और चुनाव ड्यूटी पर तैनात हैं.
इस परिवार का बेटा साहिल खान यूक्रेन में एमबीबीएस के थर्ड ईयर में पढ़ रहा है. अचानक युद्ध भड़क उठने से साहिल वहां फंसा हुआ है.
साहिल की मां और बहन उसकी सलामती और वतन वापसी के लिए पांचों वक्त की नमाज अदा कर रही हैं और अपने बेटे और भाई के लिए दुआएं मांग रही हैं.
यही हाल अलीगढ़ जिले के 40 परिवारों का है.
पायनियर की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन में हमले के बाद से सभी दुकानें बंद हैं और राशन एक दिन के लिए बचा है.
छात्र जल्द ही अपने वतन लौटने की उम्मीद में बंकर में रह रहे हैं. उर्वशी नाम की एक छात्रा ने अपने पिता से कहा कि उन्हें खाने की कमी हो रही है. प्रतिभा कॉलोनी निवासी उर्वशी की चिंता ने उसके पिता भानु प्रताप सिंह के होश उड़ा दिए हैं. परिवार अपनी बेटी की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहा है जो यूक्रेन में चिकित्सा की पढ़ाई करने गई थी.
सुशीला सिंह राजपूत ने अपनी बेटी उर्वशी से वीडियो कॉलिंग पर बात की. उसने बताया कि हमले की आशंका के बीच बेटी अपने फ्लैट में ऑनलाइन पढ़ाई कर रही है, लेकिन खाने-पीने की चीजें पांच गुना ज्यादा रेट पर थीं. एक से डेढ़ दिन का ही राशन बचा है. वह इवानो यूनिवर्सिटी में पढ़ रही है.
कावेरी वाटिका निवासी मुकुट यादव ने बताया कि उनका बेटा सुमित यादव भी इवानो में ही पढ़ता है. उन्होंने बताया कि जब हमने दोपहर में बात की तो मुझे बताया गया कि बाजार बंद है, कहीं जाने की कोई संभावना नहीं है. हमले का डर है.
स्वर्ण जयंती निवासी आमोद उपाध्याय का पुत्र सार्थक यूक्रेन की राजधानी कीवी में फंसा हुआ है. डॉ. विश्वामित्र आर्य के पुत्र ऋत्विक वार्ष्णेय ने बंकर में रात बिताई. सुबह खाने का भी पूरा इंतजाम नहीं कर पाया कि सायरन बज गया.एटीएम में भी पैसे खत्म होने लगे हैं.
अलीगढ़ अभिभावक संघ ने यूक्रेन में फंसे जिले के छात्रों की वापसी के संबंध में प्रार्थना सभा का आयोजन किया. अधिकारियों ने प्रशासन और सरकार से मांग की कि छात्रों को एयरलिफ्ट कराकर घर वापस लाया जाए.
एसोसिएशन प्रभारी अनुराग गुप्ता ने कहा कि मांग को लेकर पीएमओ कार्यालय को भी पत्र भेजा जा रहा है.
यूक्रेन में फंसे जिले के छात्रों और नागरिकों की मदद के लिए स्थानीय स्तर पर नियंत्रण कक्ष शुरू किया गया है. छात्रों की हर संभव मदद के लिए जिला प्रशासन ने डिप्टी कलेक्टर मो. जफर को नोडल अधिकारी बनाया गया है. उनका मोबाइल और व्हाट्सएप नंबर 9899372535 जारी किया गया है. इसके साथ ही 24 घंटे कंट्रोल रूम को संचालित किया गया है. उनके नंबर 05712420100, 7906856081, 9837606908, 9315097762 हैं.