आतंकी याकूब मेमन का महिमामंडन नहीं किया जा सकताः सीएम एकनाथ शिंदे

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 09-09-2022
आतंकी याकूब मेमन का महिमामंडन नहीं किया जा सकताः सीएम एकनाथ शिंदे
आतंकी याकूब मेमन का महिमामंडन नहीं किया जा सकताः सीएम एकनाथ शिंदे

 

मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि 1993 के मुंबई विस्फोट के दोषी याकूब मेमन बॉम्बे ब्लास्ट का आरोपी है और उसकी कब्र के गंभीर सौंदर्यीकरण से संबंधित विवाद सामने आने के बाद उसका महिमामंडन नहीं किया जा सकता है. .

मुंबई, महाराष्ट्र में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, मेमन ने कहा, ‘‘याकूब मेमन बॉम्बे ब्लास्ट का आरोपी है, उसका महिमामंडन नहीं किया जा सकता. हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे. मैंने इसके बारे में बीएमसी और मुंबई पुलिस को सूचित कर दिया है, गृह मंत्रालय उचित कार्रवाई करेगा.’’ इससे पहले गुरुवार को शिंदे ने 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की मुंबई के बड़ा कब्रस्तान में कब्र के ‘सौंदर्यीकरण’ के संबंध में सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था.

मुख्यमंत्री ने कहा था कि मामले की जांच के आदेश के बाद जांच शुरू कर दी गई है. शिंदे ने कहा, ‘‘जांच के आदेश दे दिए गए हैं. जांच भी शुरू कर दी गई है. जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’’ इस बीच, डीसीएम कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, मुंबई पुलिस को मामले की उचित जांच करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.

कब्रिस्तान से याकूब मेमन की कब्र पर रोशनी की व्यवस्था हटाए जाने के बाद, महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी के विधायक राम कदम ने पूछा कि क्या यह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की देशभक्ति है कि एक आतंकवादी की कब्र को मजार में बदल दिया जाए.

भाजपा विधायक राम कदम ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के इशारे पर 1993 के बॉम्बे बम धमाकों को अंजाम देने वाले आतंकवादी याकूब मेमन की कब्र को मजार में बदल दिया गया था, जब उद्धव ठाकरे सीएम थे. क्या यह मुंबई के लिए उनका प्यार, देशभक्ति है?’’ उन्होंने राकांपा के शरद पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी माफी की मांग की थी.

1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों के मामले में मेमन अकेला दोषी था, जिसे फांसी की सजा दी गई थी. 12 मार्च 1993 को, मुंबई (तब बॉम्बे) बम विस्फोटों की एक श्रृंखला से हिल गया था, जिसमें 257 लोग मारे गए थे, 700 से अधिक लोग घायल हुए थे और लगभग 27 करोड़ रुपये की संपत्ति को नष्ट कर दिया था. राज्य सरकार के अनुरोध पर मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था.