नई दिल्ली.
पीएमएलए की एक विशेष अदालत ने जेकेसीए फंड की हेराफेरी मामले में पूरक अभियोजन शिकायत का संज्ञान लेते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, सहयोगी अहसान अहमद मिर्जा, मीर मंजूर गजानफर और अन्य के खिलाफ समन जारी किया.
ईडी के मुताबिक, उन्हें 18 अगस्त को पेश होने के लिए कहा गया है. ईडी के एक अधिकारी ने कहा, "पूरक अभियोजन शिकायत से पहले तीन अनंतिम कुर्की आदेशों के साथ-साथ चल और अचल संपत्ति को संलग्न किया गया था, जो कुल मिलाकर 21.55 करोड़ रुपये की थी, जो कुल मिलाकर डॉ. फारूक अब्दुल्ला, निजी फर्म मिर्जा संस, मीर मंजूर गजानफर और अहसान अहमद मिर्जा से संबंधित थी."
यह मामला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) के धन को गैर-संबंधित पक्षों के विभिन्न व्यक्तिगत बैंक खातों में स्थानांतरित करने से संबंधित है. यह जेकेसीए और आरोपी व्यक्तियों को गलत तरीके से 43.69 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाने का मामला है.
ईडी ने 2018 में जेकेसीए के छह पदाधिकारियों के खिलाफ रणवीर दंड संहिता (आरपीसी) की धारा 120-बी, 406 और 409 के तहत मामला दर्ज किया था और सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र के आधार पर जांच शुरू की थी.
इस मामले में ईडी ने अब तक 51.90 करोड़ रुपये की अपराध की आय का पता लगाया है. इससे पहले ईडी ने जेकेसीए के तत्कालीन कोषाध्यक्ष मिर्जा को 4 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ 1 नवंबर 2019 को शिकायत दर्ज की गई थी. उसके बाद से यह मुकदमा चल रहा है.