आवाज-द वॉयस / नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छह रिसर्च स्कॉलर्स को दिसंबर, 2020 ड्राइव की लेटरल एंट्री स्कीम के तहत प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) के लिए चयनित किया गया है.
यह प्रतिष्ठित फेलोशिप प्राप्त करने वालों में सिविल इंजीनियरिंग की फ़ोज़िया तबस्सुम, सिविल इंजीनियरिंग की ही मोमिना, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की अज़रा मलिक, नैनो विज्ञान एवं नैनो प्रौद्योगिकी के फिरोज़ खान, मूल विज्ञान अंतः विषयक अनुसंधान की आलिया तैयब, भोतिक चिकित्सा एवं पुनर्वास विज्ञान की आशी सैफ शामिल हैं.
जमिया की कुपलति प्रो. नजमा अख्तर ने व्यक्तिगत रूप से सभी चयनित शोर्धािर्थयों को बधाई दी है. उन्होंने आशा व्यक्त की है कि यह विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों को शोध में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा.
उन्होंने कहा कि जामिया उत्कृष्टता के लिए तैयार है और अपने छात्रों को महान ऊंचाईयों को प्राप्त करने के लिए हर संभव सहायता प्रदाने के लिए कड़ी मेहनत करता है.
कुलपति ने इस विशिष्ट उपलब्धि के लिए समन्वयक पीएमआरएफ-जेएमआई प्रोफेसर अब्दुल कयूम अंसारी के प्रयासों की भी सराहना की है.
प्रोफेसर अब्दुल कयूम अंसारी ने बताया कि इन छह शोधकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से पहले दो वर्षों के लिए 70 हजार रुपए, तीसरे वर्ष के लिए 75 हजार रुपए, चौथे और पांचवें वर्ष के लिए 80 हजार रुपए की फेलोशिप मिलेगी. इसके अलावा, प्रत्येक फेलो को पीएमआरएफ के तहत प्रति वर्ष दो लाख रुपए यानि पांच साल के लिए कुल दस लाख रुपए का शोध अनुदान मिलेगा.
इससे पहले मई 2020 की लेटरल एंट्री स्कीम के तहत नैनोविज्ञान एवं नैनो प्रोद्योगिकी केंद्र से मारिया खान और अबगीना शब्बीर को फेलोशिप के लिए चुना गया था.