पीएम मोदी से बात कर प्रसन्न हैं अलीगढ़ के शादाब, बोले-जिंदगी का नया पाठ सीखने को मिला

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  AVT | Date 25-01-2021
शादाब
शादाब

 

शोजाब मुनीर / अलीगढ़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्कूल से 11वीं कर रहे शादाब गदगद हैं. जब तक पीएम से बात नहीं हुई, मन में धुकधुकी सी थी. पता नहीं पीएम उससे कैसे और क्या बातें करेंगे. वह उनके सवालों का कैसे जवाब देगा ? मगर बात कर फूले नहीं समा रहे. कहते हैं-‘‘प्रधानमंत्री बेहद सरल स्वभाव के हैं. उनसे गुफ्तगू कर जिंदगी का नया फलसफा सीखने को मिला.’’

यहां बात हो रही है ‘राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ के लिए चयनित शादाब की.

 

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए चयनित बच्चों से वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए सीधी बात की. पीएम और शादाब की बातचीत के लिए अलीगढ़ के कलक्ट्रेट के जिला सूचना विज्ञान केंद्र में विशेष व्यवस्था की गई थी. इस दौरान शादाब की मां जरीना बेगम भी मौजूद रहीं. इसके लिए शादाब का चयन ‘ज्ञानार्जन श्रेणी’ में किया गया है.

 

शादाब और पीएम मोदी की बातचीत

पीएम: क्या बनना चाहते हो ?

शादाब: संयुक्त राष्ट्रीय परिषद में भारत का प्रतिनिधि.


आईएएस अधिकारी बन कर यूएनओ में जाना चाहता हूं. इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं.


पीएम: यूनाइटेड नेशन में जाने का विचार कहां से आया ?


शादाब: माता-पिता से बचपन से सुनता आ रहा हूं कि डा. एपीजे अब्दुल कलाम जो देश के मिसाइल मैन कहे गए, उन्होंने देश सेवा में अपनी जिंदगी होम कर दी. उनके जैसा वह भी देश सेवा करना चाहता है. कलाम को अपना आदर्श मानता है.


पीएमः उसके माता-पिता को विशेष आभार, क्योंकि उन्होंने बच्चे को बचपन से डा. कलाम जैसी शख्सियत को अपना हीरो बनाने के लिए प्रेरित किया. जिस घर के बच्चों के हीरो डा. कलाम हों वहां से देश का नाम रोशन होना तय है.


कौन हैं शादाब

अलीगढ़ निवासी शादाबाद के पिता मोटर मैकनिक हैं. अभी वह एएमयू के स्कूल से 11वीं कर रहे हैं. दस वीं उन्होंने अमेरिका के एक स्कूल से की है. इसके लिए उन्हें 20लाख रुपये की स्काॅलरशिप मिली थी. 9वीं अलीगढ़ के उर्दू मीडियम से करने के बाद अमेरिका के स्कूल से 10वीं करने को स्काॅलरशिप के लिए चुना गया था. 40देशों के 800बच्चों में उनका चयन हुआ था. अमेरिका के जिस स्कूल से शादाब ने हाईस्कूल किया, 97.6प्रतिशत अंक लेकर अव्वल रहे.

चयन नहीं था आसान

अमेरिका के स्कूल के लिए शादाब का चयन आसान नहीं था. इसके लिए उन्हें ग्रुप डिस्कसन, अंग्रेजी, गणित, निबंध, विज्ञान आदि सहित कई चरणों की परीक्षाओं से गुजरना पड़ा. चूंकि उर्दू माध्यम से एएमयू के मिंटो सर्किल से नौवीं की है, इसलिए भी उनके लिए परीक्षाओं से गुजरना चुनौतिपूर्ण रहा. सात छात्रों का चयन यूएस एंबेसी में आयोजित सिविल एजुकेशन वर्कशाप के माध्यम से किया गया. भारत से सिर्फ शादाब चुने गए. उन्हांने 200घंटे की समाज सेवा भी की. इस दौरान वह ‘स्टूडेंट आफ द मंथ’ चुने गए.

यूएनओ में भारत का प्रतिनिधित्व करना है सपना

शादाब का सपना संयुक्त राष्ट्र में हृयूमन राइट आफिसर के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करना है. वह आईएएस बनना चाहते हैं. संयुक्त राष्ट्र में जाने के लिए समाज सेवा का 10वर्षों का अनुभव जरूरी है. इसके लिए अमेरिकन फील्ड सर्विस के साथ वालेंटियर के रूप में रजिस्ट्रेशन कराना होता है. शादाब बताते हैं, ‘‘अमेरिका में पढ़ाई के दौरान दुनिया को समझने का मौका मिला. पहले अपने शहर से ज्यादा नहीं सोच पाते थे.