दिल्ली में ‘प्रदूषण लॉकडाउन’: एक सप्ताह के लिए स्कूल बंद, निर्माण कार्य बंद, दफ्तर बंद, वर्क फ्राम होम,

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 13-11-2021
दिल्ली में ‘प्रदूषण लॉकडाउन’:
दिल्ली में ‘प्रदूषण लॉकडाउन’:

 

आवाज-द वॉयस / नई दिल्ली

राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर से निपटने के लिए, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को ‘प्रदूषण तालाबंदी’ की घोषणा की, जिसके तहत इस सोमवार से स्कूल एक सप्ताह के लिए बंद रहेंगे. कक्षाएं वस्तुतः जारी रहेंगी, ताकि छात्रों को प्रदूषित हवा में सांस न लेनी पड़े.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में सभी निर्माण गतिविधियों को 14 नवंबर से 17 नवंबर तक बंद कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कार्यालय के कर्मचारियों को एक सप्ताह के लिए 100 प्रतिशत क्षमता से घर (डब्ल्यूएफएच) से काम करने के लिए कहा जाएगा, जबकि निजी कार्यालयों को डब्ल्यूएफएच (वर्क फ्रॉम होम) विकल्प के लिए सलाह जारी की जाएगी.

केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों के साथ एक उच्च स्तरीय आपात बैठक की अध्यक्षता करने के बाद फैसलों की घोषणा की.

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में आयोजित एक बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और मुख्य सचिव शामिल हुए.

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के कारण खराब होते हालात के कारण सुबह सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई थी, जिसका असर शाम होते दिखने लगा. दिल्ली सरकार ने कोर्ट की टिप्पणी के बाद तुरंत इमरजेंसी मीटिंग बुलाई, जिसमें हालात को सामन्य करने के लिए सख्त रुख अपनाने का आदेश दिया गया है.

सोमवार से एक हफ्ते के लिए स्कूल को बंद कर दिया है. हालांकि, आनलाइन क्लास पहले की तरह चलती रहेंगी. स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई किसी भी हाल में बाधित नहीं होगी इस बात का पूरा ख्याल रखने के लिए कहा गया है. सीएम केजरीवाल ने यह भी कहा कि बच्चों के स्कूल को बंद करने का कारण यही है कि वह कम से कम दूषित हवा के संपर्क में आएं. वह वायु प्रदूषण के बच कर रहें.

राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर श्रेणी’ में आ गई, जिससे दिल्लीवासी शनिवार सुबह ताजी हवा के लिए हांफ रहे थे.

हवा की स्थिति खराब होने के कारण यहां के हालात को हेल्थ इमरजेंसी जैसी संज्ञा दी गई. प्रदूषण को लेकर सचेत करने वाली संस्था सफर ने बताया कि इस बार दिल्ली की स्थिति ज्यादा खराब है, क्योंकि यहां की हवा लॉक हो गई है. हवा में प्रदूषण के कण स्थिर होकर जमीन के नजदीक बने हुए हैं. वहीं पराली के मामले भी पड़ोसी राज्य में लगातार बढ़ने का असर यहां की हवा में देखा जा रहा है. कुल मिलाकर दिल्ली एक बार फिर गैस चौंबर जैसा बन चुका है. करोड़ों लोगों साफ हवा के मोहताज हो गए हैं.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिल्ली में शाम को कुल एक्यूआई 427 था सरकारी एजेंसियों के अनुसार, 0-50 के बीच एक्यूआई अच्छा माना जाता है, 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम, 201-300 खराब, 301 -400 बहुत खराब और 401-500 को गंभीर / खतरनाक के रूप में चिह्नित किया गया है.

(एजेंसी इनपुट सहित)