नई दिल्ली. एनएसए अजीत डोभाल ने 9 नवंबर को नई दिल्ली में अपने ताजिक और उज्बेक समकक्षों से मुलाकात की. चर्चा के मुख्य अंश निम्नलिखित थेः
आंकलन के महत्वपूर्ण अभिसरण के साथ अफगानिस्तान पर विचारों का विस्तृत आदान-प्रदान.
हाल के दिनों में अफगानिस्तान से आतंकवादी खतरों में तेज वृद्धि पर चिंता व्यक्त की. ताजिक पक्ष ने अफगानिस्तान में स्थिति की गंभीरता पर प्रकाश डाला.
अफगानिस्तान में मंडरा रहे मानवीय संकट पर चर्चा.
द्विपक्षीय पक्ष पर, रक्षा, सीमा प्रबंधन और सीमा अवसंरचना विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने पर चर्चा हुई.
अफगानिस्तान चर्चा का प्रमुख केंद्र था. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि अफगानिस्तान के भविष्य का फैसला अफगानिस्तान के लोगों को ही करना चाहिए.
उन्होंने महसूस किया कि अंतरराष्ट्रीय मान्यता के मुद्दे से पहले अफगानिस्तान के भीतर किसी भी अफगान सरकार की वैधता महत्वपूर्ण थी.
दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता की निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अफगानिस्तान के पड़ोसियों की आवश्यकता पर बल दिया. वे इस बात पर भी सहमत हुए कि पड़ोसी देशों को अफगानिस्तान में रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए.
अफगानिस्तान के दीर्घकालिक आर्थिक विकास की आवश्यकता पर प्रकाश डाला.