अपडेट
दिन 11ः 30/ 18फरवरी 2021
श्रीनगर. जम्मू कश्मीर के दौरे पर आए 24देशों के राजनयिकों ने गुरूवार को कई मिटिंगें कीं. इसके अलावा आम-ओ-खास से मिलने का सिलसिला भी चलता रहा. सुबह प्रतिनिधिमंडल ने अनंतनाग के सामुदायिक भवन में प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से मिलकर जम्मू कश्मीर में खेल, रोजगार और आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित जानकारी ली. इस दौरान कश्मीर की शीला नबी ने बताया कि कोविड-19की चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया गया.
किसी तरह की परेशानी नहीं हुई. इसके बाद आर्मी ब्रीफिंग में घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों का जायजा लिया गया. पाकिस्तान की भूमिका के बारे में भी जानकारी ली गई. आर्मी की ओर से प्रतिनिधिमंडल को बताया गया कि आतंकवादी अब कश्मीर को निशना बनाने के लिए ड्रोन और सुरंग का सहारा ले रहे हैं.
ड्रोन से हथियार पहुंचाने की कोशिश चल रही है, जब कि सुरंग के जरिए आतंकवादियों को घुसपैठ कराया जा रहा है. विदेशी प्रतिनिधिमंडल को जानकारी दी गई कि 2020में 72आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया. पुलिस एवं आर्मी की चैकसी के चलते अनुच्छेद 370हटने के बाद कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां कम हुई हैं.
अपडेट
17ः 40 / 17फरवरी 2021
श्रीनगर. कश्मीर में 24देशों के प्रतिनिधिमंडल का दौरा बुधवार को दिनभर जारी रहा. दोपहर प्रतिनिधिमंडल ने श्रीनगर में डीडीसी के चेयरमैन और उनके नमुमाइंदों से मुलाकात की. उनसे कश्मीर के मौजूदा हालात पर भी चर्चा की गई. राजनयिकों का प्रतिनिधमंडल गुरूवार को भी कश्मीर में रहेगा. दौरे की शुरूआत बड़गाम से हुई.प्रतिनिधिमंडल हज़रतबल भी गया और लोगों से मिला.
अपडेट
दोपहर 12ः 30 बजे 17 जनवरी 2021
बीस देशों के राजनयिकों का कश्मीर दौरा शुरू हो गया. इस दो दिवसीय दौरे के क्रम में विदेशी मेहमानों का प्रतिनिधिमंडल सर्व प्रथम बड़गाम जिले के मागाम ब्लाक के दिवास गांव पहुंचा. यह गांव बड़गांव जिले में आता है. प्रतिनिधिमंडल के गांव पहुंचने पर जिला उपायुक्त नजीर खान ने उनका स्वागत किया.
मेहमानों के स्वागत में गीत गाए गए. उसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने वहां पंचायती राज के अधीन चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया. वे स्थानीय लोगों से भी मिले और विकास के बारे में जानकारी ली. भारत में ग्रामीण विकास में पंचायती राज महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है.
राजनयिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यूरोपीय संघ के राजदूत, उगो एस्टुटो द्वारा किया जा रहा है और इसमें यूरोपीय संघ, अफ्रीकी और मध्य पूर्वी देशों के सदस्य शामिल होंगे. प्रतिनिधिमंडल में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सदस्य भी शामिल हैं.जम्मू-कश्मीर के लिए राजनयिकों की यात्रा गृह मंत्रालय (एमएचए) के निमंत्रण पर हो रही है.
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य जिला विकास परिषदों (डीडीसी) के नवनिर्वाचित सदस्यों, सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं, कुछ समाचार पत्रों के संपादकों, सिविल प्रशासन के अधिकारियों और सेना के जवानों सहित विभिन्न हितधारकों से मुलाकात करेंगे.
सिविल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी प्रतिनिधिमंडल को जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति के उन्मूलन के बाद की गई विकासात्मक पहलों के बारे में बताएंगे, जबकि सेना और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी उन्हें केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी देंगे. प्रतिनिधिमंडल के सदस्य गुलमर्ग का दौरा करेंगे और श्रीनगर में डल झील पर शिकारा की सवारी का आनंद भी लेंगे.
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य 18 फरवरी को शीतकालीन राजधानी जम्मू का दौरा करेंगे, जहां वे अपनी यात्रा के समापन से पहले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात करेंगे.