करनाल-चंडीगढ़. हरियाणा सरकार ने शनिवार को किसानों और पुलिस के बीच पिछले महीने हुई झड़प की न्यायिक जांच के आदेश दिए और आईएएस अधिकारी को छुट्टी पर भेज दिया. इसके बाद किसानों ने करनाल जिला मुख्यालय के बाहर धरना समाप्त कर दिया.
हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि जांच एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाएगी और एक महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी. उन्होंने बताया कि पूर्व एसडीएम आयुष सिन्हा इस दौरान छुट्टी पर रहेंगे.
हरियाणा सरकार के अधिकारियों और किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी द्वारा दोनों पक्षों के एक समझौते पर पहुंचने के बाद करनाल में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया, जिससे गतिरोध समाप्त हो गया.
शुक्रवार शाम को ही किसानों और करनाल प्रशासन के बीच गतिरोध के संभावित अंत के संकेत मिले थे, क्योंकि मैराथन बैठक के बाद दोनों पक्षों ने कहा था कि यह सौहार्दपूर्ण माहौल में हुआ था.
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में किसान नेता चढूनी ने कहा कि वे करनाल जिला मुख्यालय के बाहर अपना धरना खत्म करेंगे.
28 अगस्त को करनाल में पुलिस के साथ झड़प में लगभग 10 प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे, जब उन्होंने भाजपा की बैठक स्थल की ओर मार्च करने की कोशिश की थी. 2018 बैच के आईएएस अधिकारी सिन्हा को कथित तौर पर पुलिसकर्मियों से यह कहते हुए टेप पर पकड़ा गया था कि अगर वे सीमा पार करते हैं, तो किसानों का ‘सिर तोड़ दें’.
घटना के बाद से किसान सिन्हा को निलंबित करने की मांग कर रहे थे. 2 सितंबर को उन्हें करनाल से स्थानांतरित कर नागरिक संसाधन सूचना विभाग के अतिरिक्त सचिव के रूप में तैनात किया गया था.
हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि किसान नेताओं और सरकारी अधिकारियों के बीच बैठक सकारात्मक माहौल में हुई.
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार 28 अगस्त की घटना की उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराएगी. सिंह ने कहा कि एक महीने के भीतर जांच पूरी कर ली जाएगी और सिन्हा इस दौरान छुट्टी पर रहेंगे.
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने यह भी घोषणा की कि एक किसान के परिवार के दो सदस्यों को नौकरी दी जाएगी, जिनके बारे में प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि लाठीचार्ज के दौरान घायल होने के बाद उनकी मौत हो गई. प्रशासन ने पहले इस आरोप को खारिज किया था.
सिंह ने घोषणा की, “हरियाणा सरकार मृतक किसान सतीश काजल के परिवार के दो सदस्यों को करनाल में डीसी दर पर स्वीकृत पदों पर नौकरी देगी.”
किसानों को ‘हमारे भाई’बताते हुए उन्होंने कहा कि यह एक ‘सम्मानजनक समझौता’था.