‘आवाज-द वॉयस’ का असर : ऑटो चलाने वाले पूर्व सैनिक को भारतीय सेना ने लगाया गले

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 06-03-2021
शेख अब्दुल करीम
शेख अब्दुल करीम

 

 

शेख मुहम्मद यूनिस / हैदराबाद

आवाज-द वॉयस ने शुक्रवार को 1971 के भारत-पाक युद्ध के नायक शेख अब्दुल करीम की परेशान और खस्ताहाल जिंदगी के बारे में एक बड़ी खबर प्रकाशित की थी. इसके बाद अब्दुल करीम देश भर में आकर्षण का केंद्र बन गए. अब भारतीय सेना ने इस बहादुर सैनिक को न केवल सेल्यूट किया है, बल्कि जी भरकर दुलार भी दिया है. सेना का प्यार पाकर टूटे हुए दिल वाले इस पूर्व सैनिक की आंखें गीली हो उठीं. उन्होंने सेना द्वारा आमंत्रित किए जाने पर अपनी खुशी जताई है और आभार व्यक्त किया है. उन्होंने अधिकारियों तक उनका संदेश पहुंचाने के लिए आवाज-द वॉयस मीडिया हाउस को भी धन्यवाद दिया.

खबर जिसने असर डाला

आवाज-द वॉयस ने कल आपको इस की जानकारी दी थी. 1971 युद्ध के नायक, शेख अब्दुल करीम वित्तीय समस्याओं से पीड़ित हैं और ऑटो रिक्शा चलाने के लिए मजबूर हैं. आज, शेख अब्दुल करीम को सेना के सिकंदराबाद केंद्र में आमंत्रित किया गया, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ.

रिसेप्शन, लंच और भाषण

शेख अब्दुल करीम को आज सिकंदराबाद, तेलंगाना में आमंत्रित किया गया, जहां कमांडेंट ने उन्हें बुलाया. बाद में, शेख अब्दुल करीम को उनकी पूर्व रेजिमेंट इकाई में लाया गया, जहां उनके साथ एक वीआईपी जैसा व्यवहार किया गया. शेख अब्दुल करीम को प्रांतीय गवर्नर और सभी अधिकारियों से मिलवाया गया. 

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शेख अब्दुल करीम 


विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिसमें सैनिक शेख अब्दुल करीम ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया. पूर्व सैनिक के सम्मान में दोपहर का भोजन भी आयोजित किया गया. शेख अब्दुल करीम को विभिन्न स्थानों का निरीक्षण भी करवाया गया. इस मौके पर वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

शेख अब्दुल करीम ने सेना के तकनीकी सहायकों की सभा को भी संबोधित किया और अपने अनुभवों को साझा किया. विभिन्न स्थानों पर स्वागत के अलावा, सेना के वरिष्ठ, कनिष्ठ अधिकारियों और सैनिकों ने उनके साथ कम से कम 200 तस्वीरें खिंचवाईं.

मिला स्वर्ण जयंती समारोह का निमंत्रण

1971 के भारत-पाक युद्ध के स्टार पदक विजेता शेख अब्दुल करीम को बहुत खुशी हुई, जब उन्हें बताया गया कि उन्हें दिसंबर में होने वाले 1971 के भारत-पाक युद्ध के स्वर्ण जयंती समारोह में आमंत्रित किया जाएगा. सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने शेख अब्दुल करीम की शिकायतों को ध्यान से सुना और उन्हें इस संबंध में सभी संभव कदमों का आश्वासन दिया.

शेख अब्दुल करीम एक सैनिक होने के साथ-साथ दृढ़ संकल्प के सबसे अच्छे उदाहरण हैं. वह 71 वर्ष के हैं. शेख अब्दुल करीम ने सेना के गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार व्यक्त किया.