सेराज अनवर / पटना
बिहार में इमारत-ए-शरिया के अमीर-ए-शरीयत पद के लिए संगीन के साए में वोटिंग जारी है. इमारत के 100 साल के इतिहास में पहली बार अमीर चुनने के लिए उलेमा अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं.देर शाम तक परिणाम आने की संभावना है. इस प्रतिष्ठापूर्ण पद के लिए दो उम्मीदवार मोहम्मद वली फैसल रहमानी और मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी आमने -सामने हैं.
फैसल मरहूम अमीर ए शरीयत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी के बेटे हैं. जबकि मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी इमारत ए शरिया के नाजिम रहे हैं. मतदाताओं की ओर से अमीर शरीयत के लिए पांच नाम आए थे,जिनमें इस्लामिक स्कॉलर मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी,नायब अमीर शरीयत मौलाना शमशाद रहमानी, मुफ्ती नजर तौहीद ने अपना नाम वापस ले लिया.
आज सुबह 11 बजे संगीन के साए में चुनाव का आगाज हुआ. अमीर ए शरीयत के लिए सहमति बनाने की कोशिश की गई, मगर दो उम्मीदवारों के मैदान में डटे रहने से यह प्रयास विफल हो गया. सख्त सुरक्षा में वोटरों को लाइन में लग कर चुनाव स्थल तक जाने की इजाजत दी गई है.
11 बजे तक ही एंट्री का समय निर्धारित था.इजलास गाह में मोबाइल ले जाने की इजाजत नहीं है. माना जा रहा था कि सहमति से चुनाव हुआ तो 1 बजे तक परिणाम आ जाएगा. मगर वोटिंग के कारण अब रिजल्ट देर शाम आने की संभावना है. खबर लिखे जाने तक वोटिंग बहुत स्लो चल रही थी.
नाजिम इमारत ए शरिया मौलाना शिबली अल कासमी के स्वागत भाषण से चुनावी प्रक्रिया का आगाज हुआ.अध्यक्षता नायब अमीर ए शरीयत मौलाना शमशाद रहमानी कर रहे हैं. देर से आने पर पूर्व मंत्री शाहिद अली खान के भाई अमजद अली खान को चुनाव स्थल में प्रवेश से रोक दिया गया है.
उनके साथ पांच अन्य वोटर भी अंदर नहीं जा सके हैं.अमजद अली का कहना है कि ट्रैफिक में फंस गए थे.ऐसे भी फुलवारी की ट्रैफिक जाम रहती है.उन्होंने आवाज द वॉइस से बातचीत में सवाल उठाया कि धार्मिक पेशवा के चुनाव में पुलिस की जरूरत क्या है ?
उलेमा की तकरीर में इमारत ए शरिया और अमीर ए शरीयत की अहमियत बताई गई. चुनाव स्थल पर हलचल बढ़ी हुई है.उम्मीदवार के नाम पेश करने के प्रस्ताव पर हल्का हंगामा भी हुआ.चुनावी प्रक्रिया शुरू होते ही कटक-ओडिशा के काजी ए शरीयत मौलाना अब्दुल हफीज की तबियत बिगड़ गई.
उन्हें चुनाव स्थल से इमारत ए शरिया ले जाया गया. अभी वोटिंग जारी है.वोटर एक पर्ची पर उम्मीदवार का नाम लिख कर बॉक्स में डाल रहे हैं.वोट की निगरानी जिला प्रशासन कर रहा है.रिजल्ट आने का इंतजार किया जा रहा है.समर्थकों में बेचैनी बढ़ी हुई है.