सेराज अनवर/ पटना
शनिवार 9 अक्टूबर को अमीर ए शरीयत का चुनाव है,जिस पर देश भर की निगाहें हंै.इमारत ए शरिया के 100 साल के इतिहास में पहली बार अमीर ए शरीयत का फैसला वोटिंग से होगा .शनिवार की शाम तक ही चुनाव परिणाम आने की उम्मीद है.अंदर से माहौल शांतिपूर्ण है, पर बाहर की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.
हालांकि,सर्वसम्मति से अमीर चुनने के प्रयास भी तेज हैं.समाचार पत्रों से लेकर सोशल मीडिया तक अमीर ए शरीयत पर आम सहमति बनाने की अपील की जा रही है.चुनाव को लेकर फुलवारी शरीफ स्थित इमारत ए शरिया में गहमागहमी है.
इसके सभी स्टाफ की छुट्टी 10 अक्टूबर तक रद्द कर दी गई है. 851 सदस्य अमीर ए शरीयत को चुनने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.देश भर में फैले वोटरों का आना शुरू हो गया है.शुक्रवार की रात हैदराबाद से मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी पटना पहुंचे.
वे अमीर ए शरीयत के सशक्त उम्मीदवार भी हैं.जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा पर उनके समर्थकों ने गर्मजोशी से स्वागत किया.इमारत ए शरिया के पूर्व नाजिम मौलाना अनिसुर्रहमान कासमी भी दौड़ में बताए जा रहे हैं, पर सबसे अधिक चर्चा खानकाह रहमानी मुंगेर के सज्जादानशीं फैसल अहमद रहमानी की है.फैसल मौलाना मोहम्मद वली रहमानी के बेटे हैं.
3 अप्रैल को वली रहमानी के इंतेकाल के बाद से अमीर ए शरीयत का पद खाली है. कल आठवें अमीर का चुनाव होना है.जिसकी तैयारी बड़े पैमाने पर चल रही है.एक बार चुनाव स्थगित भी हो चुका है. इमारत-ए-शरिया तीन राज्यों बिहार, झारखंड, ओडिशा के मुसलमानों का प्रतिनिधि संगठन है.
कहां -कहां हैं वोटर ?
बिहार के 38,झारखंड के 21,ओडिशा के 3,बंगाल के 5,उत्तर प्रदेश के 2 जिलों में वोटर हैं.इसके अलावा दिल्ली और कुवैत में एक-एक वोटर हैं.इनमें सबसे अधिक बिहार में 651,झारखंड में 141,बंगाल में 29,ओडिशा में 25,यूपी में 2 वोटर हैं.बिहार के पटना में 65 वोटर हैं.झारखंड के रांची में 22 ,कोलकाता में 18 और राउरकेला में 16 मेंबर हैं.
अमीर बनने की योग्यता ?
दीन ए इस्लाम को अपनी जिंदगी में आत्मसात करने वाला,शरीयत का मुकम्मल जानकार,देश की सियासत और इस्लामिक दुनिया की पूरी जानकारी रखता हो.सामाजिक सरोकार से जुड़ा होना चाहिए.निजी योग्यता की वजह से आम व खास तबका पर असर रखता हो,हक की बात करे. हक बात सुने,फिकह और इस्लामिक कानून का बेहतर जानकार हो.इन बिंदुओं पर खरा उतरने वाला अमीर ए शरीयत हो सकता है.
स्थगित हो चुका है चुनाव
मतदान 8 अगस्त को बिहार, झारखंड, ओडिशा और बंगाल के 15 शहरों में होना था.चुनावी प्रक्रिया काफी जटिल थी.राजनीतिक दलों की तरह बैलट पेपर से मतदान कराने के लिए देश भर में 15 सेंटर बनाए गए थे. नामांकन के लिए एक उम्मीदवार को 151 सदस्यों का समर्थन की शर्त रखी गई थी.
इसका न सिर्फ कड़ा विरोध हुआ, खुद इमारत ए शरिया के काजी मुफ्ती सदर सुहैल अहमद कासमी ने बैलट पेपर द्वारा अमीर ए शरीयत के चुनाव को गैर शरई करार दे दिया .दारूल इफ्ता से फतवा आने के बाद चुनाव स्थगित करना पड़ा.
अब फ्रेश तरीके से 9 अक्टूबर को फाइनल चुनाव होगा.इमारत ए शरिया के इतिहास में हमेशा एक स्थान पर बैठकर सर्वसम्मति से अमीर ए शरीयत का चुना होता रहा है. इस बार नजारा कुछ अलग है.
जगह-जगह हो रही बैठकें
अमीर ए शरीयत बनने और बनाने के लिए जबरदस्त लॉबिंग चल रही है.जगह-जगह बैठकों का दौर है.एक दूसरे पर कीचड़ उछाले जा रहे हैं.जम कर गु्रपबाजी हो रही है.मालूम हो कि पहले 10 अक्टूबर को फुलवारी शरीफ पटना में चुनाव की घोषणा की गई थी.
इसके जवाब में दूसरे ग्रुप ने पटना के ही समनपूरा मदरसा में इमारत ए शरिया की तय तारीख से एक दिन पहले 9 अक्टूबर को ही अमीर ए शरीयत के चुनाव का एलान कर दिया.तनाव की स्तिथि को खत्म करने के लिए नायब अमीर ए शरीयत मौलाना शमशाद रहमानी ने दोनों ग्रुप की इमारत ए शरिया में 30 सितंबर को मीटिंग बुलाई.
एक तारीख पर सर्वसम्मति बनी.एक ग्रुप की 9 अक्टूबर वाली तारीख मान ली गई और दूसरे ग्रुप की जगह को मंजूरी दी गई.शनिवार को फुलवारी शरीफ स्थित अलव महद अल आली में चुनाव संपन्न होगा.चुनावी तारीख में बदलाव पर इमारत ए शरिया ने अपने निमंत्रण पत्र में माफी मांगी है.
उलेमा से इत्तिहाद की अपील
अभी तक उम्मत को एक होने की अपील उलेमा करते रहे हैं, लेकिन पहली बार उलेमा से कौम एकजुट होने की अपील कर रही है. अरबाबो हलो अक्द के सदस्यों में बड़ी तादाद उलेमा की हैं.बिहार की जानी मानी सियासी -समाजी शख्सियत अशफाक रहमान ने अपील जारी कर कहा है कि इमारत ए शरिया के वकार की खातिर सिर जोड़ कर बैठें और “अमीर ए मुहब्बत”चुनें.
जो लोगों के दिलों पर राज कर सके.आज सभी उर्दू अखबारों ने जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक रहमान की गुजारिश को प्रमुखता से प्रकाशित किया है.अखबार ए मशरिक ने इस खबर को पहले पेज पर जगह दी है,जिसमें अपील है कि अमीर ए शरीयत के चुनाव में शक्ति प्रदर्शन न करने की अपील की गई है.
अन्यथा यह हरकत कौम और मिल्लत के लिए रुसवाई और जिल्लत का सबब बन जाएगी.कटिहार मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन और राज्यसभा सदस्य अशफाक करीम ने भी अमीर ए शरीयत पर इत्तिफाके राय बनाने की अपील की है.उन्होंने कहा कि किसी एक शख्स को अमीर ए शरीयत तसलीम कर अपने अजीम होने की मिसाल पेश करें.ये इत्तिफाक मिल्लत के मुफाद में होगा. ये कुर्बानी दुनिया के लिए मिसाल बनेगी.