आशिक अली के घर आईं गायें, तो ढोल बजाकर किया स्वागत

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 05-02-2022
आशिक अली के घर आईं गायें, तो ढोल बजाकर किया स्वागत
आशिक अली के घर आईं गायें, तो ढोल बजाकर किया स्वागत

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-जम्मू

एक गोसेवी आषिक अली के घर जब गायों का झंुड आया, तो वह खुशी से झूम उठा. आशिक अली ने उनके स्वागत के लिए जोरदार इंतजाम किया था कि गोवंश का इतना शानदार द्वारा स्वागत बहुत कम हुआ होगा.

यह कहानी है भलवाल क्षेत्र के एक डेयरी किसान आषिक अली की. जिन्होंने सरकार की एकीकृत डेयरी विकास योजना (आईडीडीएस) के तहत अपनी डेयरी का उन्नयन किया है. उन्होंने लखनपुर की पशुमंडी से ऊंची नस्ल की 15 गायें खरीदी हैं.

5दरिया न्यूज़ के अनुसार,  आशिक अली ने गउओं के आगमन पर खुशी व्यक्त करने के लिए ढोल और अन्य पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप के साथ नई गायों के रेवड़ का स्वागत किया. नए मवेशियों के आगमन पर परिवार के लोगों ने भी ढोल की थाप पर नृत्य किया. 

जब आशिक अली के परिवार के लोग ढोल की थाप पर जष्न मना रहे थे, तो गांव वालों का ध्यान आकर्षित हुए और वे उनकी खुषी में शामिल हुए. गांव वालों ने आषिक अली की भावना को मन से सराहा.

युवा डेयरी किसान आशिक अली ने बताया कि उनका परिवार डेयर की आय पर ही निर्भर है. गायें उनकी आजीविका का साधन हैं. इसलिए वह अपनी गायों को भी खुश रखने का जतन करते हैं. इसलिए उन्होंने गायों के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करने के लिए ढोल बजवाया है.

उन्होंने बताया कि वे गाय का दूध भी बेचते हैं और उसके गोबर का कृषि उपज बढ़ाने में भी उपयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि गायों का हमारे जीवन में विशेष योगदान है. इसलिए हमें उनके प्रति करुणा और स्नेह रखना चाहिए.

आशिक अली ने कहा कि डेयरी पालन को सरकारी मदद और वैज्ञानिक ढंग से किया जाए, तो आय के बेहतर स्रोत बनाए जा सकते हैं. युवाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहिए. सरकार डेयर और कृषि कार्यों के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही हैं. उनका लाभ उठाने के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए.