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अपराह्न: 12.02 / 09फरवरी, 2021
उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया से कहा है कि लगभग 35 लोग सुरंग के अंदर फंस गए हैं, हम उन तक पहुंचने के लिए रस्सी के माध्यम से ड्रिल करने और रास्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हमने अब तक 2 और शव बरामद किए हैं, कुल मौत की संख्या 28 है।
सीएम रावत ने कहा कि बचाव दल रस्सी और अन्य आवश्यक पैकेजों के माध्यम से मलारी घाटी क्षेत्र तक पहुंचने में कामयाब रहा है, राशन आसानी से भेजा जा सकता है। इससे पहले, हेलीकॉप्टर के माध्यम से केवल एक सीमित स्टॉक की आपूर्ति की जा सकती थी, लेकिन अब कोई समस्या नहीं होगी।
About 35 people are stuck inside the tunnel, we're trying to drill and make way via rope to reach them. We have recovered 2 more bodies, total death count 28 so far. Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat pic.twitter.com/kIUAraxZHB
— ANI (@ANI) February 9, 2021
लखीमपुर खीरी / देहरादून. उत्तराखंड में आई तबाही के गहरे निशान अब भी बरकरार हैं. चमोली के दोनों पावर प्रोजेक्ट तबाह हो चुके हैं. तपोवन में पिछले दो दिनों से निरंतर बचाव कार्य चल रहा है. अब तक 29लोगों का शव बरामद किया जा चुका है, जबकि 172के करीब लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. लापता में उत्तर प्रदेश के करीब 70लोग शामिल हैं, जिनके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.
लापता लोगों में सबसे ज्यादा संख्या लखीमपुर जिले के लोगों की है. अधिकांश मजदूर तपोवन परियोजना पर काम करने गए थे.इच्छानगर के स्थानीय लोगों ने कहा कि उनके गांव के 26व्यक्ति तपोवन के लिए रवाना हुए थे और 18लापता हो गए.
भरमपुर में रहने वालों ने कहा कि 11लोग न तो घर लौटे हैं और न ही उन्होंने अपने परिवार से संपर्क किया है. भोलनपुर के पांच लोगों के लापता होने की आशंका है.जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने लापता लोगों की सही संख्या की पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि लखीमपुर खीरी के सभी कामगारों की एक सूची तैयार की जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने गांवों से सूचनाओं को जुटाने और तहसीलदार और सबडिविजनल मजिस्ट्रेट के साथ साझा करने के लिए लेखपाल की तैनाती की है. हम फिर परिवार के सदस्यों के संपर्क में आकर आंकड़ों का सत्यापन कर रहे हैं. अभी तक, हमें सिर्फ निघासन तहसील के रहने वाले 35लोगों के लापता होने की आशंका है.‘‘
चमोली में उनके समकक्ष के साथ डेटा साझा किया जा रहा है.निघासन के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा कि अभी तक किसी भी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘अब तक, हम जानते हैं कि निघासन के 58लोग हाइडेल प्रोजेक्ट साइट पर काम कर रहे थे. यह संख्या बढ़ सकती है क्योंकि हमें अभी कुछ गांवों से डेटा प्राप्त करना बाकी है.‘‘
सूत्रों ने कहा कि अधिकांश शवों की पहचामन नहीं हो पा रही थी क्योंकि वे या तो भारी पत्थर या और बोल्डर के भार से कुचल गए थे या पानी के कारण फूल गए थे.राहत आयुक्त के कार्यालय के अनुसार, सहारनपुर के तीन, मेरठ के चार, गोरखपुर के पांच, शामली के दो और मुरादाबाद, बिजनौर और चंदौली के एक-एक व्यक्ति से उनके परिवार के सदस्य संपर्क नहीं कर पा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए, सोमवार देर रात एक उच्च-स्तरीय बैठक की.राज्य सरकार ने एक टोल-फ्री नंबर 1070और एक व्हाट्सऐप नंबर 9454441036जारी किया है, जिस पर जो लोग लापता हैं, उनके परिवार के सदस्य मदद के लिए संपर्क कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री हरिद्वार में नियंत्रण कक्ष भी स्थापित कर रहे हैं और चार अधिकारियों को जोशीमठ जाने और वहां फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों की मदद करने के लिए कहा गया है.