नौशाद उस्मानी / देवबंद
वैसे तो हर साल ही होली का पावन पर्व और मुकद्दस शब-ए-बरात के त्योहार आते हैं. इस बार इसे संयोग ही कहा जाएगा कि दोनों त्योहार 28 मार्च (आज) को एक साथ मनाए जाएंगे. शब-ए-बरात और होली के त्योहार को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के माथे पर कुछ चिंता की लकीरें दिखाई दीं. उसकी वजह यह थी कि शब-ए-बरात में जहां मुस्लिम समाज के लोग रात के समय कब्रिस्तानों में फातिहा पढ़ने जाते हैं और तमाम रात जागकर मस्जिदों व घरों में इबादत करते हैं. वहीं, इसी रात को होलिका दहन भी है, लेकिन जब देवबंद का इतिहास अधिकारियों ने पढ़ा और यहां की गंगा-जमुनी तहजीब के बारे में उन्हें पता चला, तो काफी हद तक अधिकारियों की चिंताएं दूर हो गईं.
इसके बावजूद भी अधिकारी अपनी तरफ से किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहते. यही वजह है कि एक ही दिन दोनों पवित्र त्योहारों के पड़ने के कारण हर उस जगह जहां होलिका दहन होगा, वहां विशेष रुप से पुलिस की टीमों को तैनात किया जाएगा. साथ ही कब्रिस्तानों और मुख्य मस्जिदों के बाहर पुलिस की खासी तैनाती रहेगी.
वैसे तो देवबंद का इतिहास यह भी रहा है कि सन 1947 में जब पूरे हिंदुस्तान में कत्लेआम मचा हुआ था, तो यह पवित्र नगरी सागर की तरह शांत थी. इसके बाद भी कई बार ऐसे मौके आए जब हिन्दू मुस्लिम एकता खंडित हुई, लेकिन देवबंद के लोगों ने हमेशा प्यार, मोहब्बत और आपसी सौहार्द का संदेश दिया. बुजुर्गों की जो ये मजबूत परंपरा रही है, उसी को नई पीढ़ियां भी लगातार आगे बढ़ा रही हैं और हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को मजबूत कर रही हैं.
इस वर्ष दोनों त्योहार एक ही दिन मनाए जाने के कारण पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को थोड़ी बहुत चिंता हो सकती है, लेकिन देवबंद क्षेत्र के दोनों ही वर्गों के लोग बहुत अच्छी तरह इस बात को समझते हैं कि उन्हें अपने अपने त्योहार किस तरह अमन शांति और भाईचारे के साथ मनाने हैं.
सहारनपुर के एसएसपी डॉ. एस. चनप्पा का कहना है कि होली और शब-ए-बरात को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. सुरक्षा के लिहाज से होलिका पूजन वाले स्थानों और कब्रिस्तानों व मस्जिदों के आसपास पुलिस बल तैनात किया जाएगा. इसके साथ खुफिया ईकाईयों को भी सक्रिय रखा गया है. ताकि समय रहते असमाजिक तत्वों के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो सके.
देवबंद सीओ रजनीश कुमार उपाध्याय ने बताया कि होली और शब-ए-बरात को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए नगर से लेकर देहात क्षेत्रों तक लोगों को जागरुक किया गया है. जबकि गांव में तैनात शासन से मानदेय लेने वाले लोकसेवकों (चौकीदारों) को सख्त हिदायत दी गई है कि वह अपने अपने इलाकों में असमाजिक तत्वों पर पैनी नजर रखें.