भाजपा ने ममता पर ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ करने का आरोप लगाया

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 22-11-2025
BJP accuses Mamata of practicing 'appeasement politics'
BJP accuses Mamata of practicing 'appeasement politics'

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर आपत्ति जता रही हैं और तुष्टीकरण की राजनीति कर रही हैं, क्योंकि उन्हें अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की हार का अंदेशा है।
 
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि ममता एसआईआर की प्रक्रिया से ‘‘डरी हुई’’ हैं, क्योंकि इससे उन ‘‘घुसपैठियों’’ का पर्दाफाश हो जाएगा, जिन्हें सत्तारूढ़ टीएमसी ने राज्य में अपने ‘वोट बैंक’ के रूप में ‘‘संरक्षण’’ दिया है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘जब विभिन्न टीवी चैनल पर यह खबर आई कि घुसपैठिये अपने देश लौट रहे हैं... तो ममता बनर्जी बेहद दुखी, चिंतित और परेशान नजर आईं।’’
 
भाटिया ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी अब सोच रही हैं कि उन्होंने इन घुसपैठियों को पाला-पोसा, उन्हें फर्जी प्रमाणपत्र दिलवाए, ताकि समय आने पर वे उन्हें वोट दें, लेकिन अब जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं, तो वे अपने देश लौट रहे हैं।’’
 
ममता ने एसआईआर के खिलाफ अपने अभियान के तहत 25 नवंबर को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बोंगांव में एक रैली संबोधित करने की योजना बनाई है। इसके बाद वह चांदपारा से ठाकुरनगर (मतुआ समुदाय के आध्यात्मिक मुख्यालय) तक तीन किलोमीटर लंबी पदयात्रा का नेतृत्व भी करेंगी।
 
टीएमसी प्रमुख ने एसआईआर की प्रक्रिया को ‘‘बलपूर्वक’’ और ‘‘अराजक’’ कवायद करार देते हुए इसकी निंदा की है।
 
भाटिया ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘ममता बनर्जी एसआईआर को लेकर इतनी चिंतित और बेचैन क्यों हैं, जबकि यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि केवल भारतीय नागरिक ही वोट डाल सकें? उनकी (ममता की) क्या मजबूरी है?’’
 
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि ममता का पूरा सियासी जनाधार ‘‘सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और घुसपैठियों के वोट’’ पर केंद्रित है।
 
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि ममता एसआईआर की प्रक्रिया से ‘‘डरी हुई’’ हैं, क्योंकि इससे उन ‘‘घुसपैठियों’’ का पर्दाफाश हो जाएगा, जिन्हें सत्तारूढ़ टीएमसी ने राज्य में अपने ‘वोट बैंक’ के रूप में ‘‘संरक्षण’’ दिया है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘जब विभिन्न टीवी चैनल पर यह खबर आई कि घुसपैठिये अपने देश लौट रहे हैं... तो ममता बनर्जी बेहद दुखी, चिंतित और परेशान नजर आईं।’’
 
भाटिया ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी अब सोच रही हैं कि उन्होंने इन घुसपैठियों को पाला-पोसा, उन्हें फर्जी प्रमाणपत्र दिलवाए, ताकि समय आने पर वे उन्हें वोट दें, लेकिन अब जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं, तो वे अपने देश लौट रहे हैं।’’
 
ममता ने एसआईआर के खिलाफ अपने अभियान के तहत 25 नवंबर को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बोंगांव में एक रैली संबोधित करने की योजना बनाई है। इसके बाद वह चांदपारा से ठाकुरनगर (मतुआ समुदाय के आध्यात्मिक मुख्यालय) तक तीन किलोमीटर लंबी पदयात्रा का नेतृत्व भी करेंगी।
 
टीएमसी प्रमुख ने एसआईआर की प्रक्रिया को ‘‘बलपूर्वक’’ और ‘‘अराजक’’ कवायद करार देते हुए इसकी निंदा की है।
 
भाटिया ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘ममता बनर्जी एसआईआर को लेकर इतनी चिंतित और बेचैन क्यों हैं, जबकि यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि केवल भारतीय नागरिक ही वोट डाल सकें? उनकी (ममता की) क्या मजबूरी है?’’
 
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि ममता का पूरा सियासी जनाधार ‘‘सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और घुसपैठियों के वोट’’ पर केंद्रित है।