अब पुणे में 30 मई तक जारी रहेगी ‘ऑटो एंबुलेंस सेवा’

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 16-05-2021
 ‘ऑटो एंबुलेंस सेवा’
‘ऑटो एंबुलेंस सेवा’

 

शाहताज खान / पुणे

पुणे में ‘ऑटो एंबुलेंस सेवा’ 30 मई तक जारी रखने की घोषणा की गई है. पहले यह सेवा 15 मई तक जारी रखने का ऐलान किया गया था. 26 अप्रैल, 2021 को महाराष्ट्र रिक्शा पंचायत ने ऑटो एंबुलेंस सेवा शुरू की थी.

कोरोना महामारी की दुसरी लहर ने जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. लोग भी अपनी ओर से एक दूसरे की सहायता करने का भरसक प्रयत्न कर रहे हैं.

महाराष्ट्र रिक्शा पंचायत के कार्य कारी अध्यक्ष शफीक इब्राहीम पटेल का कहना है कि जब हम ने ऑटो एंबुलेंस सेवा शुरू करने का निर्णय किया, तब 20 से 25 ऑटो ही मरीजों को लाने ले जाने का काम संभाल रहे थे, लेकिन यह संख्या बढ़ती गई, और अब हम 40 ऑटो एंबुलेंस के द्वारा सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अब हमारे चालकों को भी लगातार काम नहीं करना पड़ रहा है, क्योंकि हमारे साथ 102 ड्राइवर हैं. इसलिए अब शिफ्ट्स में काम हो रहा है. 24 घण्टे हमारी सेवाएं एक फोन पर उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि इन के इस मानवीय काम में आरोग्य सेना और पुणे फीड द नीड जैसे एनजीओ भी सहयोग कर रहे हैं. पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर, पीपीई किट, सेनेटाइजर और ऑटो के रखरखाव की जिम्मेदारी इन एनजीओ ने संभाल रखी है.

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शफीक इब्राहीम पटेल, अरशद अंसारी, मुराद काजी की टीम फ्री सेवा कर रही है 


उपाध्यक्ष अरशद अंसारी कहते हैं कि यह सेवा पूरे सेवा भाव से ही की जा रही है. हम किसी मरीज से किराया नहीं लेते हैं और जब तक मरीज को अस्पताल में बेड न मिल जाए, तब तक एक अस्पताल से दूसरे और तीसरे अस्पताल तक बिना समय गंवाए हमारे ड्राइवर सड़कों पर अपना ऑटो एंबुलेंस दौड़ाते रहते हैं. अगर मरीज को ऑक्सीजन की आवश्यकता हो, तो पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर से मरीज को सांस लेने में सहायता भी दी जाती है .

ईद के दिन भी एंबुलेंस सेवा

40 ऑटो एंबुलेंस पीपीई किट पहने अपने ड्राइवरों के साथ 24 घण्टे तैयार रहती हैं. केवल 14 मई को छुट्टी की घोषणा की गई थी. दो त्यौहार, ईद और अक्षय तृतीया एक ही दिन होने के कारण यह निर्णय लिया गया था.

शफीक इब्राहीम का कहना है कि जब हमारे फोन की घंटियां बजना शुरू हुईं, तो हम घर पर त्यौहार मनाने के लिए रोक नहीं पाए. तब हम तीन लोगों ने मोर्चा संभालने का निर्णय लिया. शफीक इब्राहीम पटेल, अरशद अंसारी और मुराद काजी ने पीपीई किट पहन कर मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी संभाली. टीम छोटी थी, लेकिन हिम्मत बहुत ज्यादा. जब तक शिफ्ट के साथी ड्राइवर ड्यूटी पर नहीं आए, तब तक यह तीनों बिना रुके लोगों को ऑटो एंबुलेंस सेवा के द्वारा अस्पताल पहुंचाते रहे.

यह सेवा पुणे के विभिन्न क्षेत्रों जैसे पेठ एरिया, कोंढवा, वडगांव शेरी, विश्रांतवादी, बानेर, वाघौली, पाषाण, कातरज इत्यादि में उपलब्ध है.

अरशद अंसारी का कहना है कि हम जानते हैं कि 30 मई के बाद भी लोगों को एंबुलेंस सेवा की आवश्यकता होगी, लेकिन हमारे पास ड्राइवरों को देने के लिए कोई फंड नहीं है, वह सब बिना मुआवजा लिए काम कर रहे हैं. उनके भी परिवार हैं. अगर हमें थोड़ी भी सहायता मिलती है, तो हम और हमारे तमाम 102 साथी,  ऑटो एंबुलेंस सेवा को अवश्य जारी रखने की कोशिश करेंगे.

हर व्यक्ति अपनी तरफ से योगदान दे रहा है. कोई अकेले तो कोई टीम बनाकर इस महामारी से लड़ रहा है. उम्मीद की जा सकती है कि लोगो के साथ और सहयोग से हम यह जंग जरूर जीतेंगे.