असमः बरपेटा में डीएनए जांच से तीन साल बाद असली मां को मिला बच्चा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-06-2022
असमः बरपेटा में  डीएनए जांच से तीन साल बाद असली मां को मिला बच्चा
असमः बरपेटा में डीएनए जांच से तीन साल बाद असली मां को मिला बच्चा

 

मुकुट शर्मा/ गुवाहाटी

असम के बारपेटा जिले में एक अजीबोगरीब घटना की चर्चा पूरे देश में हो रही है. तीन साल पहले जिले के एक सरकारी अस्पताल में शिफ्ट की गई नवजात बच्ची कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को एक सगी मां को मिली. तीन साल की कानूनी लड़ाई के अंत में मां और बच्चे के पुनर्मिलन ने सभी के दिल को छू लिया है.

इस फिल्मी लगने वाली कहानी में, तीन साल पहले दो गर्भवती महिलाओं को बारपेटा जिले के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्होंने लगभग एक ही समय में दो बच्चों को जन्म दिया. लेकिन दुर्भाग्य से एक विवाद हो गया.

चिकित्सा अधिकारियों ने मां के नाम में हेरफेर कर दिया और जीवित बच्ची को असली मां के बजाय एक दूसरी महिला के हाथों में दे दिया. इसके बाद वे कोर्ट जाते हैं.

आखिरकार, अदालत के निर्देशानुसार डीएनए परीक्षण पूरा किया गया, और इस रिपोर्ट के आधार पर, बच्चे की दादी उस बच्चे को फिर से पा सकी, जिसकी उम्र तीन साल से भी कम थी.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 3 मई 2019 को बारपेटा की नजमा खानम नाम की गर्भवती महिला ने सरकारी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया. बच्चे के जन्म के बाद, महिला को आईसीयू में भर्ती कराया जाता है, नवजात को बच्चे के देखभाल कक्ष में भर्ती कराया जाता है, और कुछ घंटों बाद,मेडिकल स्टाफ ने बताया कि नज़मा खान का बच्चा मर गया है.

इस विचित्र घटना में अधिवक्ता अब्दुल मन्नान ने कहा कि नजमा खानम के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है और बच्चा मर नहीं सकता. अब्दुल मन्नान बताते हैं, "तीन दिन बाद, परिवार ने अस्पताल में जन्म देने वाली गर्भवती महिलाओं की सूची की जांच की और पाया कि नजमा खानम और नजमा खातून ने एक के बाद एक, दो बच्चों को जन्म दिया था. पुलिस ने घटना की जांच के लिए बुलाया है."

बारपेटा पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) (आपराधिक साजिश) और धारा 373 (अपहरण के लिए सजा) के तहत शिकायत दर्ज की गई थी. मामले के जांचकर्ताओं ने 6 अक्टूबर, 2020 को अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर कर कहा था कि उन्हें बच्चे और मां का डीएनए परीक्षण करने की अनुमति दी जाए. अदालत ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया और डीएनए परीक्षण रिपोर्ट सकारात्मक थी. अब्दुल मन्नान का कहना है कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक बच्चे को असली मां को सौंप दिया गया है.