एआईआईओ का ऐलानः दहेज लिया या शादी में फजूलखर्ची की तो नहीं पढ़ाएंगे निकाह

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 07-03-2021
एआईआईओ के चीफ इमाम इलियासी
एआईआईओ के चीफ इमाम इलियासी

 

मलिक असगर हाशमी  /नई दिल्ली

आल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम डाॅ उमेर अहमद इलियासी ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने देश के तमाम शहर काजियों, देश की मस्जिदों के इमामों तथा सेंट्रल दारूल कजा के लोगों से कहा है कि दहेज लेकर शादी एवं शादी समारोहों में धन की बर्बादी करने वालों के यहां निकाह न पढ़ाएं. उन्होंने देश के सभी धर्मों के मुखिया से भी अपील की है कि भारतीय समाज से दहेज जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए एकजुटता दिखाएं. 
 
उन्होंने  विश्वास जताते हुए कहा,‘‘फेथ लीडर्स के आगे आने से दहेज प्रथा देश से समूल नष्ट हो जाएगी.’’ श्री इलियासी ने ये बातें आवाज द वाॅयस से खास बातचीत में कही. (मुसलमानों के अन्य मसलों पर उनसे हुई पूरी गुफ्तगू आप जल्द आवाज द वाॅयस के यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं.)
 
उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद में हाल में आयशा नाम की एक मुस्लिम युवती ने ससुराल द्वारा दहेज प्रताड़ना से तंग आकर साबरमती नदी में छलांग लगा कर खुदखुशी कर ली थी. इस घटना से देश का मुस्लिम समुदाय विचलित है. मरने से पहले आयशा ने एक वीडिया सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए अपना दुखड़ा बनयान किया था. 
 
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए देश की तमाम मुस्लिम तंतीजें दहेज प्रथा के खिलाफ खड़ी हो गई हैं. उनकी ओर से इस सामाजिक बुराई को खत्म करने का आहवान किया जा रहा है. इस कड़ी में आल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन का बड़ा बयान आया है. यह संगठन देश की साढ़े पांच लाख मस्जिदों की इमामों की नुमाइंदगी करता है.
 
आर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम डाॅक्टर इलियासी का आयशा मामले में बड़ा सख्त बयान  है. उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा केवल मुस्लिम समाज में नहीं, बल्कि इस बुराई ने देश के सभी समुदाय को जकड़ रखा है. यहां बता दें कि 2016 में मेनका गांधी ने लोकसभा में देह हत्या पर एक रिपोर्ट पेश की थी. उसके मुताबिक, पिछले दो वर्षों में तकरीबन 28 हजार महिलाओं को दहेज के कारण जान गंवानी पड़ी. यह समस्या सर्वाधिक उत्तर प्रदेश में है. 
 
इस बारे में बात करते हुए देश के चीफ इमाम इलियासी ने कहा कि धार्मिक लीडरों की बातें सभी समुदाय के लोग गंभीरता से लेते हैं. इसे समूल नष्ट करना है तो देश के तमाम ग्रंथियों, मठ-मंदिर के पुजारियों, इमामों, पादरियों को आगे आना होगा.
 
उन्होंने खर्चीली और दहेज लेकर शादी के बढ़ते चलन पर चिंता जाहिर की. उन्होंने शादियों में करोड़ों खर्च करने वालों का आहवान किया कि वे इसकी बजाए उन्हीं पैसों से गरीब बच्चियों की शादी कराएं.आयशा मामले में उन्होंने  कहा कि उससे संबंधित घटना का वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है, जो उचित नहीं. इससे समाज पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और कई और आयशाएं खुदकुशी जैसा कदम उठाने को प्रेरित होंगीं. 
 
उन्होंने दहेज और खुदकुशी के बारे में कहा कि इस्लाम में दोनों हराम है, जबकि दहेज लेना कानूनन जुर्म. उन्होंने कहा कि आयशा की हालत  देख कर उसके घर वालों और उसके दोस्तों को उसकी काउंसिलिंग करानी चाहिए थी. ऐसा किया जाता तो शायद ऐसा कदम नहीं उठाती. 
 
दहेज लेने वालों की लानत-मलामत करते हुए इलियासी साहब ने कहा कि लड़की के घर वाले अपने दिल का टुकड़ा सौंपते हैं, तुम्हें उनकी कद्र करनी चाहिए. पैगंबर मोहम्मद साहब ने बेटियों को लेकर जो संदेश दिए हैं, उनपर सख्ती से अमल करने की जरूरत है.