कोरोना की इस जांच के लिए एएमयू के मेडिकल कॉलेज को मिली मंजूरी

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 12-03-2021
कोरोना की इस जांच के लिए एएमयू के मेडिकल कॉलेज को मिली मंजूरी
कोरोना की इस जांच के लिए एएमयू के मेडिकल कॉलेज को मिली मंजूरी

 

रेशमा अलीगढ़

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज के हिस्से में एक और बड़ी कामयाबी आई. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कोरोना की एक खास जांच करने के लिए जेएन मेडिकल कॉलेज को अनुमति दी है.

इससे पहले बीते साल भी कोरोना से जुड़े कई मामले में आईसीएमआर ने जेएन मेडिकल कॉलेज को मान्यता दी थी. मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी यह खास जांच करेगी.

इससे पहले नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलीब्रेशन लेबोरेट्रीज भी मेडिकल कॉलेज की इस लैब को अपनी मान्यता दे चुका है. माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर हारिस एम. खान का कहना है कि हमारी वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी को यह मान्यता आईएसओ के मानकों पर खरा उतरने के चलते दी गई है. अब हम कोरोना से जुड़ी मालीक्यूलर जांच अपने यहां की लैब में कर सकेंगे.

यूपी की बात करें तो दो लैब को इस जांच की मंजूरी दी गई है. एक हमारी लैब है तो दूसरी किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ की है.इस कामयाबी पर एएमयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर तारिक मंसूर का कहना है कि इस कामयाबी के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग के सदस्य मुबारकबाद के हकदार हैं.

इससे पहले कोविड-19महामारी की रोकथाम में जेएन मेडिकल कॉलेज ने अग्रणी और बड़ी भूमिका निभाई थी. कोरोना के दौरान मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा देने की सुविधा भी थी. साथ ही अलीगढ़ और उसके आसपास रहने वाले लोगों की कोरोना जांच भी की गई थी.

गौरतलब है, मेडिकल कॉलेज का कॉर्डियक थैरेसिक सर्जरी डिपार्टमेंट 20 दिन से लेकर 18 साल तक के बच्चों की हॉर्ट सर्जरी कर रहा है. यूपी के तीन और शहरों में भी इस तरह की यूनिट बनाई गई हैं, लेकिन इस तरह की सर्जरी सिर्फ एएमयू की यही यूनिट कर रही है. जिसके चलते मरीजों की संख्या इतनी हो गई कि 5 से 6 साल तक की लंबी वेटिंग हो गई.