खुर्शीद अहमद: कश्मीर के पढ़े-लिखे किसान को प्रधानमंत्री की बधाई

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 23-05-2021
खुर्शीद अहमद को प्रधानमंत्री की बधाई
खुर्शीद अहमद को प्रधानमंत्री की बधाई

 

साजिद रसूल / श्रीनगर

जम्मू और कश्मीर में पिछले कई वर्षों से युवाओं की कृषि में रुचि कम हो रही है. विशेष रूप से उनमें सरकारी नौकरियों की दौड़ और गैर-स्थानीय श्रमिकों पर निर्भरता बढ़ गई है. दूसरी ओर, ऐसे कई युवा हैं, जो कृषि कार्य कर रहे हैं. इस क्षेत्र में इतने सफल हैं कि उन्होंने उसी क्षेत्र को अपना करियर बना लया है और वे काफी सफल भी रहे हैं.

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 6 किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की और खेती में उनके अद्वितीय प्रदर्शन की सराहना की और उन्हें अन्य किसानों के लिए रोल मॉडल करार दिया. ये किसान प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मेघालय, जम्मू-कश्मीर और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह से थे. जम्मू और कश्मीर के खुर्शीद अहमद देश के छह सर्वश्रेष्ठ किसानों में से एक थे.

40 वर्षीय खुर्शीद अहमद, जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के एक गांव के रहने वाले हैं. वह खेती में माहिर हैं और उनकी सफल पेशेवर खेती के कारण उन्हें देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने के लिए चुना गया. इस खुशी की बात से खुर्शीद और उनके सभी रिश्तेदारों और ग्रामीणों दोनों के लिए माहौल बन गया. उनके लिए यह गर्व की बात है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके क्षेत्र के किसानों की प्रशंसा की है. खुर्शीद की अधिकांश आबादी भी खेती से संबंधित है.

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मेरे देश की मिट्टी


तेंगपुरा श्रीनगर के बाहरी इलाके में एक क्षेत्र है, जहां अधिकांश आबादी सब्जियों की खेती करती है और यह उनकी आय का भी प्रमुख स्रोत है. कश्मीर कृषि विभाग से जैविक खेती में प्रशिक्षित खुर्शीद ने इस संबंध में विभिन्न कार्यशालाओं और प्रशिक्षण शिविरों में भाग लिया और इस दौरान जब उन्हें एहसास हुआ कि उनके पिता और अन्य किसान परंपरागत रूप से सब्जियां उगाते हैं. उन्हें आधुनिक शैली अपनाने की जरूरत है, ताकि सब्जी की खेती बेहतर और अधिक लाभदायक हो.

इस कार्य में उनकी स्वयं रुचि हो गई और कृषि विभाग द्वारा उन्हें दिए गए प्रशिक्षण के अनुसार और विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाते हुए उन्होंने अपने विशाल खेतों में सब्जियों की खेती शुरू कर दी. कुछ ही वर्षों में वह सफल हो गए और आज वह हैं किसानों के लिए मिसाल कायम कर रहा है.

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खुर्शीद अपने पिता के साथ


खुर्शीद से बात करते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि खुर्शीद का साहस और समर्पण अद्वितीय है और उन्होंने खुर्शीद को इस क्षेत्र में और सुधार के लिए अपना काम जारी रखने की सलाह भी दी. नरेंद्र मोदी ने उनसे बातचीत के दौरान कहा. “यह वास्तव में एक उदाहरण है, क्योंकि उच्चतर प्राप्त करने के बावजूद शिक्षा, आपने आखिरकार खेती शुरू करने का फैसला किया और यह प्रेरणादायक है. अन्यथा, उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद अधिकांश युवा भ्रमित हैं कि इतने वर्षों की शिक्षा के बाद आगे क्या करना है?”

उनकी प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि खुर्शीद ने सभी कठिनाइयों को भुलाकर कृषि संस्था को रोजगार का स्रोत बनाया. यह अपने आप में एक उदाहरण है. प्रधानमंत्री ने खुर्शीद की सफलता की सराहना की और उनकी सराहना की.

आवाज-द वॉयस से बात करते हुए खुर्शीद अहमद ने कहा कि उनके पास 26 कनाल जमीन है, जिसमें से 12 कनाल जमीन पर वह धान की खेती करते हैं, जबकि अन्य 14 कनाल में सब्जियां उगाई जाती हैं.

खुर्शीद के अनुसार पारंपरिक खेती में अधिक लाभ नहीं होता है और इसीलिए उन्होंने जैविक खेती को अपनाया है, जिसमें उन्हें भारी मुनाफा हो रहा है और इस वजह से वह न केवल अपना घर चलाते हैं, बल्कि अन्य मजदूरों के लिए भी रोजगार का स्रोत बन गए हैं.

खुर्शीद ने कहा कि उन्होंने सरकारी नौकरी पाने की बहुत कोशिश की और असफल होने पर, अन्य युवाओं की तरह आलस्य से बैठने के बजाय उन्होंने खेती शुरू की  और आज वह एक सफल किसान हैं. लोगों के बीच एक आम धारणा है कि खेती अनपढ़ किसानों के लिए है. खुर्शीद ने न केवल इस विचार को खारिज कर दिय,ा बल्कि अन्य शिक्षित युवाओं को भी नौकरी के लिए आकर्षित किया.