हैदराबाद.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बा राव ने लोगों को मुफ्त सुविधा देने के मुद्दे पर मौजूदा राजनीतिक बहस का स्वागत किया है. वह सोमवार को एफटीसीसीआई में आयोजित भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष के अवसर पर 'भारत एट द रेट ऑफ 75 - माचिर्ंग टुवर्डस 5 ट्रिलियन इकोनॉमी ' विषय पर बोल रहे थे.
उन्हें आगाह करते हुए कहा, "अच्छा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सब्सिडी पर बहस शुरू की. राज्यों और केंद्र सरकार को यह महसूस करना चाहिए कि, हमारे पास अधिशेष बजट नहीं है और निश्चित रूप से कुछ सेफ्टी नेट की आवश्यकता है.
इस पर सतर्क और चयनात्मक रहें और आने वाली पीढ़ियों पर अनावश्यक कर्ज का बोझ न पड़े." आरबीआई के पूर्व प्रमुख ने कहा कि भारत केवल 2028-29 तक 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के रूप में उभर सकता है.
सुब्बा राव ने कहा, "भारत 2028-29 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बन सकता है. इसके अलावा, हमें अगले 5 वर्षों के लिए लगातार 9 प्रतिशत की वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर देखने की जरूरत है."
उन्होंने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था प्राप्त करने की यात्रा में आठ चुनौतियों को सूचीबद्ध किया. सुब्बा राव ने विस्तार से बताया, "इनमें निवेश बढ़ाना, उत्पादकता में सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य परिणामों में सुधार, रोजगार सृजित करना, कृषि उत्पादकता बढ़ाना, व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखना, वैश्विक मेगा रुझानों का प्रबंधन और शासन में सुधार शामिल हैं."
यह देखते हुए कि भारत ने पिछले 75 वर्षों में जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रगति की है, राव ने कहा कि 200 मिलियन भारतीय अभी भी गरीबी रेखा के नीचे हैं जो एक बड़ी चिंता का विषय है.
इस अवसर पर, एफटीसीसीआई ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष के अवसर पर पिछले 7.5 दशकों में औद्योगिक विकास रणनीति के संकलन की एक पुस्तिका जारी की है.