आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने मंगलवार को मध्य एशियाई देशों में अपने समकक्षों से कहा कि शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्धि मध्य एशिया क्षेत्र के सभी देशों के साझा हित हैं. अफगानिस्तान में उभरती मानवीय और सुरक्षा स्थिति के बीच एनएसए-स्तरीय सुरक्षा बैठक को संबोधित करते हुए, डोभाल ने कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करना आम प्राथमिकता होनी चाहिए. संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों से आग्रह है कि उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल संगठनों को सहायता प्रदान करने से बचना चाहिए.
यह पहली बार है जब भारत अफगानिस्तान में उभरती सुरक्षा स्थिति और आतंकवाद से उत्पन्न खतरे पर चर्चा करने के लिए कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सहित मध्य एशियाई देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की बैठक की मेजबानी कर रहा है.
इस बीच डोभाल ने कहा कि हम महान मंथन, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और भविष्य को लेकर अनिश्चितता के समय मिल रहे हैं. शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध मध्य एशिया हमारे साझा हित में है.बता दें कि इस साल की शुरुआत में 27 जनवरी को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आभासी बैठक में पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी, जिसमें कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्राध्यक्षों ने भाग लिया.
यह भारत-मध्य एशियाई देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ को रेखांकित करने के लिए आयोजित की गई थी .इस शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और मध्य एशियाई नेताओं ने भारत-मध्य एशिया संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अगले कदमों पर चर्चा की थी.
शिखर सम्मेलन के दौरान, नेताओं ने हर दो साल में इसे आयोजित करने का निर्णय लेकर शिखर सम्मेलन को संस्थागत बनाने पर सहमति जताई थी.शिखर बैठकों के जरिए जमीनी कार्य तैयार करने, विदेश मंत्रियों, व्यापार मंत्रियों, संस्कृति मंत्रियों और सुरक्षा परिषद के सचिवों की नियमित बैठकों पर भी शिखर सम्मेलन में सहमति बनी थी.
इसे आगे बढ़ाने के लिए नई दिल्ली में भारत-मध्य एशिया सचिवालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया था.अब इसी क्रम में एनएसए स्तर की बैठक आयोजित की गई है.
सभी तस्वीरें मनमीत सिंह