मलिक असगर हाशमी / गुरुग्राम ( हरियाणा )
जुमे की नमाज को लेकर दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम में अरसे से चले आ रहे विवाद पर गुरुद्वारा प्रबंधक समिति और एक हिंदू युवा अक्षय यादव ने पानी डालने की कोशिश की है. इनकी इस पहल से बहुत हद तक विवाद पर पानी पड़ सकता है.
घनी आबादी वाले हरियाणा के औद्योगिक शहर गुरुग्राम में मस्जिदों का अभाव है. शहर में कमो-बेश कुल छह मस्जिदें सदर बाजार, नेशनल हाईवे, सेक्टर 56, पटौदी चौक, सराय अलावर्दी हैं. कारोबारी शहर होने के कारण यहां दिल्ली और एनसीआर के शहरों के लोग भी नौकरी और कारोबार करने आते हैं. उनमें बड़ी संख्या मुसलमानों की भी होती है. ऐसे में जुमे की नमाज में मस्जिदें कम पड़ जाती हैं.
इसके कारण शुक्रवार की दोपहर की नमाज बड़ी संख्या में लोग खुले मैदान या सड़क किनारे पढ़ने को मजबूर हैं. ईद और बकरीद की नमाज में भी अक्सर यही स्थिति होती है, जिसकी वजह से यातायात पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
कट्टरपंथी संगठनों का विरोध
ऐसी स्थिति में कुछ संगठनों को राजनीति करने का मौका मिल गया है. कट्टरवादी संगठन न केवल इसका निरंतर विरोध कर रहे हैं, कई दफा जुमे की नमाज में अवरोध भी पैदा करने की कोशिश की है. दिवाली के पहले भी ऐसा नजारा देखने को मिला था.
गुरूग्राम के सेक्टर 12के जिस खुली जगह पर मुसलमान जुमे की नमाज पढ़ा करते थे, वहां गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया. इससे पहले कि विवाद बढ़े शासन-प्रशासन ने सेक्टर 12में मुसलमानों को दी गई नमाज पढ़ने की इजाजत वापस ले ली.
सेक्टर 12 में कुछ संगठनों द्वारा पिछले हफ्ते जुमे की नमाज में बाधित डालने पर कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
2018 में, जिला प्रशासन ने मुसलमानों के लिए शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए शहर में 37स्थानों को नामित किया था, जिसका हिंदू समूह निरंतर विरोध करता रहा है. एक संगठन ने सेक्टर 47में भी एक साइट पर नमाज के दौरान बाधा डालने की कोशिश की थी.
प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज सभी धर्म के लोगों को खुले में धार्मिक अनुष्ठान करने से परहेज करने की सलाह दी है.
उम्मीद की पहल
इन्हीं विवादों के बीच कुछ उम्मीद की किरणें नजर आई हैं. गुरुग्राम के सिखों ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए अपने गुरुद्वारों के दरवाजे जुमे की नमाज के लिए खोलने का ऐलान किया है. इसके अलावा सेक्टर 12 के अक्षय यादव ने भी ऐसी ही पहल की है.
उन्होंने सेक्टर 12में अपनी खाली पड़ी दुकानें जुमा के नमाजियों के लिए खोल दी हैं. उनकी सेक्टर 12में कई दुकानें हैं जिनके अधिकांश किराएदार मुसलमान हैं. अक्षय यादव का कहना है कि उनकी परेशानियों को देखते हुए उन्होंने जुमा की नमाज के लिए अपनी खाली पड़ी दुकानों मंें नमाज पढ़ने की अनुमति दी है.
नमाज को खुले गुरूद्वारे के दरवाजे
इसके साथ ही गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा, गुरूग्राम ने भी अपने पांच गुरुद्वारे मुसलमान को जुमे की नमाज के लिए देने का ऐलान किया है. सभा का कहना है कि उनके गुरुद्वारों के दरवाजे सभी समुदायों के लिए खुले हैं.
गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष शेरदिल सिंह संधू ने कहा कि मुस्लिमों को जगह की कमी के कारण जुमे की नमाज अदा करने में परेशानी हो रही है. वे गुरुद्वारों में जगह का उपयोग कर सकते हैं.
सभा के उपाध्यक्ष जेपी सिंह ने कहा कि सिख समुदाय दूसरे समुदायों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है. जो कोई भी पूजा-अर्चना करना चाहता है, उसके लिए गुरुद्वारा परिसर खुला है.
पांच गुरुद्वारों के परिसर में 2000 से अधिक लोग एक साथ नमाज पढ़ सकते हैं. इस बीच, गुरुग्राम के सदर बाजार गुरुद्वारा ने भी मुसलमानों को नमाज अदा करने के लिए जगह ने की घोषणा की है.
शुक्रवार की नमाज को लेकर होने वाले विवाद पर अक्षय यादव ने कहा, ‘‘मैंने मुस्लिम समुदाय को जमीन की पेशकश इसलिए की कि विभिन्न संगठनों द्वारा उठाई गई आपत्तियों के बाद वे समस्याओं का सामना कर रहे हैं.‘‘मुस्लिम एकता मंच के शाहजाद खान ने भी गुरूद्वारे और अक्षय यादव की पहल का स्वागत किया है. उनका कहना है कि इससे शहर में भाईचारा बढ़ेगा.