सूफी संगठनों की मांग, पीएफआइ जैसे कट्टर और विभाजनकारी एजेंडा वाले संगठनों पर लगे बंदिश, किया संकल्प पारित

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 30-07-2022
कट्टरता के खिलाफ पारित संकल्प
कट्टरता के खिलाफ पारित संकल्प

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

सूफी संगठन कट्टरता के खिलाफ सामने आए है. नई दिल्ली में ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीं काउंसिल की तरफ से आयोजित सर्वधर्म सम्मेलन में कट्टरता के खिलाफ एक संकल्प पारित किया गया.

एनएसए अजित डोभाल की मौजूदगी में अजेमेर के सज्जादानशीं और ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीं काउंसिल के चेयरमैन हजरत सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि जब कोई घटना होती है तो हम सिर्फ निंदा करते हैं, लेकिन अब कुछ करने का समय है. कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने और प्रतिबंधित करने की जरूरत है. चाहे वह कोई भी कट्टरपंथी संगठन हो, उनके खिलाफ सबूत होने पर उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, हमारा युवा कट्टरता की तरफ बढ़ रहा है. हमें सिर्फ निंदा से काम नहीं चलाना होगास बल्कि जमीनी स्तर पर काम करना होगा और पीएफआइ जैसे संगठनों के खिलाफ अगर सुबूत हैं तो उन्हें तुरंत प्रतिबंधित करना होगा.

नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि सर तन से जुदा जैसे नारे मुल्क और मजहब दोनों के खिलाफ ही नहीं हैं बल्कि मजहब और मुल्क दोनों के दुश्मन हैं.

इस सम्मेलन में मौजूद शिया गुरु कल्बे जव्वाद ने कहा कि जेहाद को लेकर बहुत गलत मतलब निकाले गए हैं. जेहाद का मतलब किसी का खून बहाना नहीं है बल्कि यह बुराइयों को खत्म करने का काम है. चाहे यह बुराई अशिक्षा हो या कोई ऐसी ही दूसरी बुराई.

इस्लामी विद्वान सलमान हसनी नदवी ने कहा अमन और मुहब्बत का पैगाम ही इस्लाम का मूल है और दुनिया भर के सभी धर्मों के मैसेंजर्स ने यही कहा है कि पहले इंसान बनो. इंसानियत पहले आती है और मजहब बाद में. उन्होंने कहा कि मुल्क में हैवानियत या कत्ल नहीं चलेगा. मुहब्बत का पैगाम राम, कृष्ण से लेकर सभी धर्म की आला हस्तियों ने दिया है.

हैदराबाद से आए गुलाम समदान कादरी ने कहा कि पीएफआइ जैसे संगठनों को फौरन प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, क्योंकि इस जैसे संगठन मुसलमानों को शर्मिंदा करते हैं और हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग संख्या में कम हैं पर सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात फैलाते रहते हैं.

इस सर्वधर्म सम्मेलन में एक संकल्प भी पारित किया गया जिसमें पीएफआइ जैसे संगठनों पर बंदिश लगाने, देश को बांटने का काम करने वाली संस्थाओं पर कार्रवाई करने की मांग की गई. प्रस्ताव में कहा गया है कि सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल नफरत फैलाने के लिए किया जा रहा है. प्रस्ताव में सरकार से ऐसी बुराइयों को रोकने का अनुरोध किया गया है. साथ ही इसमे कहा गया है कि पैगंबर और देवी-देवताओं पर टिप्पणी की तुरंत निंदा की जानी जाए और इन पर कानूनी कार्रवाई की जाए.

सम्मेलन में देश में अमन और भाईचारा कायम करने के लिए मिशन मोड में काम करने का संकल्प पारित किया गया.